अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर एमएलके पीजी कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग द्वारा “change the narrative again suicide विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को किया गया ।
12 सितंबर के कार्यशाला समापन कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यशाला संयोजक स्वदेश भट्ट, आयोजन सचिव कृतिका तिवारी, सह संयोजक डॉ वंदना सिंह, एवं सह संयोजक सुनील कुमार शुक्ल, द्वारा माँ सरसस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण पर कर किया गया । कार्यशाला के प्रथम सत्र के प्रशिक्षक विवेक सिंह (परामर्शदाता टेलीमानस) रहे । विवेक सिंह ने प्रतिभागियों को माइंडफुलनेस एवं तनाव-प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण दिया । उन्होंने कहा कि आत्महत्या को लेकर चल रही नकारात्मक धारणाओं को संवाद, संवेदनशीलता एवं जिम्मेदार संचार के माध्यम से बदला जा सकता है। कार्यशाला के समापन के अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो जे पी पांडे ने विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य के सशक्त प्रवक्ता बनने की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर प्रो एस पी मिश्र ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे कहा कि आत्महत्या कोई समाधान नहीं, बल्कि एक रोके जा सकने वाली सामाजिक-स्वास्थ्य समस्या है जिसे सामाजिक कलंक (Stigma) को तोड़कर , मानसिक दृढ़ता (Resilience) को विकसित कर और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक संवाद स्थापित कर प्राप्त किया जा सकता है । कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव कृतिका तिवारी ने किया, तकनीकी सहयोग राजर्षि मणि त्रिपाठी ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ वंदना सिंह ने किया । इस अवसर पर परमर्श समिति के सदस्य व अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे । कार्यक्रम के अंत में शपथ ग्रहण मे प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे आत्महत्या रोकथाम के प्रति समाज को जागरूक करेंगे, संकटग्रस्त व्यक्तियों को सहयोग देंगे और सामूहिक प्रयासों से आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने का काम करेंगे।
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