अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के सेंट ज़ेवियर्स स्कूल के मैदान में एक ख़ूबसूरत संगीतमयी और सुरीली सुबह की दस्तक ने पूरे क्षेत्र को संगीत में बना दिया । स्कूल में गूंजे सितार वादन, तबले की थाप और तिरकित ने सभी के मन को मोह लिया ।
स्पिक मैके के कार्यक्रम में सेंट ज़ेवियर्स स्कूल के मैदान में एक ख़ूबसूरत संगीतमयी और सुरीली सुबह ने एक खुशनुमा एहसास से रूबरू कराया जब आगमन हुआ भारत के मशहूर सितार वादक पंडित शुभेंदु रॉय और बेहतरीन तबला नवाज़ उस्ताद ज़हीन अली खान का और इस दस्तक के साथ आमद हुई दर्शकों की यानी स्कूल के वो छोटे छोटे बच्चे जो अब तक बांगो, कांगो और की बोर्ड को ही म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट समझते थे ।
सितार मेस्ट्रो पंडित शुभेंदु रॉय और मशहूर तबला नवाज़ उस्ताद ज़हीन खान की संगीत लहरियों और इनकी जुगल बंदी ने आज बलरामपुर में इतिहास रच दिया। पंडित शुभेंदु रॉय और उस्ताद ज़हीन खान का पहले स्कूल में स्वागत, डायरेक्टर सुयश कुमार और प्रिंसिपल आसिम रूमी ने बुके भेंट कर और अंगवस्त्र प्रदान कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत डायरेक्टर सुजाता आनंद, डायरेक्टर सुयश कुमार, प्रिंसिपल आसिम रूमी, स्पिक मैके के रीजनल कोऑर्डिनेटर लेफ्टिनेंट डॉ देवेंद्र चौहान, ससमन्वयक राजेश जैस्वाल व रेखा द्वारा मां सरस्वती के करकमलों में दीप प्रज्वलन से हुई।
इस विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन में प्रख्यात सितार वादक पंडित शुभेंदु रॉय ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया । उनके साथ तबले पर उस्ताद जहीन ख़ान ने संगत करते हुए तबले से कैसे बात की जाती है लोगों को ये हुनर दिखाया। उन्होंने यह साबित कर दिया इंडियन क्लासिकल म्यूजिक और भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं गान और वाद्य यंत्रो का पश्चिमी संस्कृति के लोग कभी मुक़ाबला नहीं कर पाएंगे । इस अवसर पर विद्यालय के क्लास 6 से लेकर क्लास 10 तक के लगभग 1500 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई को आत्मसात किया। पंडित शुभेंदु रॉय ने प्रातःकालीन कई राग प्रस्तुत किए, जिनकी लय और माधुर्य ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, उस्ताद जहीन ख़ान ने तबले की लयकारी से सभी को चकित कर दिया। कार्यक्रम में एक विशेष सवाल-जवाब सत्र भी आयोजित किया गया, जहाँ विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासाओं को कलाकारों से साझा किया। कलाकारों ने उनका मार्गदर्शन और सवालों के जवाबों से शिक्षित भी किया I कार्यक्रम की विशेष व्यवस्थाएं भी की गयीं जिसमे मुख्य रूप से अनाउंसमेंट कुमारी आकांक्षा मिश्र एवं अमन जायसवाल जूनियर, संयोजक और व्यवस्थापक लाइक अहमद एवं अमन जायसवाल सीनियर, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी आनंद तिवारी, मंच सज्जा अमित कुमार, कंचन श्रीवास्तव एवं कला विभाग की मेंबर भारती यादव, हॉस्पिटैलिटी ग्रुप का ज़िम्मा अनुपमा वर्मा और रिज़वाना ने सम्हाला । संगीत व्यवस्था डीएन शुक्ला के द्वारा की गयी । यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति से जुड़ने का एक अनुपम अवसर बना। इस्पिक मैके की इस पहल ने साबित कर दिया कि नई पीढ़ी को हमारी परंपरा, संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना कितना आवश्यक और प्रेरणादायी है। स्पिक मैके के कार्यक्रम प्रायः स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में आयोजित होते हैं।
इस्पिक मैके भारत का एक सांस्कृतिक आंदोलन है जो युवाओं को भारतीय परंपराओं, कला और अध्यात्म से जोड़ने का काम करता है। मुख्य रूप से सहयोगी बच्चे -आदित्य चौहान, मानस चौहान, भव्या पाण्डेय, ऐशानिया, ऐंजल, आस्था, समृद्धि और कुमारी ख़ुशी शामिल थीं ।
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