अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में बुधवार अंग्रेजी माध्यम विद्यालय विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कालेज में श्री विश्वकर्मा जयन्ती धूमधाम से मनाया गया।
17 सितम्बर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पाॅयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड काॅलेज में भगवान ‘‘श्री विश्वकर्मा जयन्ती‘‘ मनाया गया । विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी एवं उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय नें श्री विश्वकर्मा जी के चित्र पर माल्यार्पण करके द्वीप प्रज्जवलित किया। प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि श्री विश्वकर्मा पूजा एक ऐसा त्योहार है जहां शिल्पकार, कारीगर, श्रमिक भगवान विश्वकर्मा का त्योहार मनाते है। भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था। विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी कहा जाता है। इसलिए भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। सृष्टि के प्रथम सूत्रधार, शिल्पकार और विश्व के पहले तकनीकी ग्रन्थ के रचयिता भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं की रक्षा के लिए अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया था। विष्णु को चक्र, शिव को त्रिशूल, इंद्र को वज्र, हनुमान को गदा और कुबेर को पुष्पक विमान विश्वकर्मा ने ही प्रदान किये थे। सीता स्वयंवर में जिस धनुष को श्रीराम ने तोड़ा था वह भी विश्वकर्मा के हाथों बना था। विश्वकर्मा जी ने लंका का भी निर्माण किया था। विश्वकर्मा जी ने देवताओं के राजा इंद्र का हथियार वज्र का निर्माण किया था। वज्र को ऋषि दधीचि और अज्ञेयस्त्र की हड्डियां से बनाया गया है। भगवान कृष्ण का सुदर्शन चक्र उनकी शक्तिशाली रचनाओं में से एक था । जयंती अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सांस्कृति कार्यक्रम में गीत-जग-जग में नाम हो विश्वकर्मा भगवान हो नामक गीत पर परिधि, ईशिका, आराध्या, इशित, प्रेरणा एवं दिव्यांस ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। तत्पश्चात् कला प्रतियोगिता में लवन्या, मरियम, मानवी, दक्षेस, रिया, शशांक, मेधावी, अभिराज, जयस, हर्ष, तनय एवं एसके सौर्य बच्चों ने बहुत ही सुन्दर-सुन्दर श्री विश्वकर्मा भगवान का चित्र बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। श्री विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक सहित उप प्रधानाचार्या सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं उपस्थित होकर श्री विश्वकर्मा जयंती को मनाया।
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