अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के एमएलके पीजी कॉलेज सभागार में शनिवार को महाविद्यालय, राष्ट्रीय कैडेट कोर एवं जिला सेवा योजना विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कैरियर कॉउन्सलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित कैडेटों और छात्र-छात्राओं को अपनी रुचि व क्षमता के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के मंत्र दिये गए। एसएसबी 9 वीं वाहिनी के उप कमांडेंट ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया ।
27 सितंबर को आयोजित कैरियर काउंसिलिंग कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष मुख्य नियंता प्रो0 वीणा सिंह, मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता 9 वीं बटालियन एसएसबी की उप कमांडेंट नैनसी सिंगला, जिला सेवायोजन अधिकारी मीता गुप्ता व कार्यक्रम संयोजक डॉ अवनीन्द्र दीक्षित ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। काउंसिलिंग कार्यक्रम में उपस्थित कैडेटों एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डिप्टी कमांडेंट नैनसी सिंगला ने कहा कि अनुशासन व समर्पित भाव से किये गए कार्य में सफलता अवश्य मिलती है। निरुद्देश्य शिक्षा किसी काम की नहीं है इसलिए खुद को पहचानो और अपनी कमियों का आंकलन कर उसमें सुधार करके अपनी एक व्यक्तित्व का निर्धारण करना ही एक कर्मयोगी विद्यार्थी की असली पहचान है। उन्होंने राजपत्रित अधिकारी व गैर राजपत्रित अधिकारी से संबंधित पदों पर भर्ती के संबंध में जानकारी देने के साथ ही सीपीएफ परीक्षा अंतर्गत एस एस बी,बी एस एफ,सी आई एस एफ सहित कई पदों पर चयन के लिए पात्रता ,शैक्षिक योग्यता,शारीरिक क्षमता आदि के संबंध में विधिवत जानकारी दी। जिला सेवायोजन अधिकारी मीता गुप्ता ने कहा कि विभाग समय समय पर विद्यार्थियों के उन्नयन हेतु ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। उन्होंने कहा कि करियर काउंसलिंग कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनकी रुचियों, कौशल और मूल्यों के अनुसार सही करियर पथ चुनने में मदद करना है, जिससे उन्हें नौकरी में संतुष्टि और सफलता मिले। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मुख्य नियंता प्रो0 वीणा सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया जबकि विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान डॉ राजीव रंजन व कार्यक्रम संयोजक डॉ अवनीन्द्र दीक्षित ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर लेफ्टिनेंट (डॉ) देवेन्द्र कुमार चौहान ने किया। इस अवसर पर डॉ बसंत कुमार गुप्त, विभागाध्यक्ष वाणिज्य डॉ एस के त्रिपाठी, डॉ पी एन पाठक,डॉ के के सिंह,डॉ पंकज श्रीवास्तव,डॉ वन्दना सिंह ,डॉ सुनील कुमार शुक्ल एवं राजर्षि मणि तिवारी आदि मौजूद रहे।
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