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BALRAMPUR...पायनियर पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस कार्यक्रम

अखिलेश्वर तिवारी 
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में शुक्रवार को शिक्षक दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया ।
5 सितम्बर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पाॅयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड काॅलेज में ‘शिक्षक दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी, विद्यालय के अध्यक्ष डाॅ0 प्रेम नरायन तिवारी, सह निदेशक इं0 आकाश तिवारी एवं कोषाध्यक्षा मीता तिवारी ने भूतपूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यपर्ण करके द्धीप प्रज्जवलित किया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने विद्यालय के अध्यक्ष डाॅ0 प्रेम नरायन तिवारी को बैज लगाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत व अभिनदंन किया। विद्यालय के कक्षा-नर्सरी से कक्षा-12 के छात्र-छात्राओं नेे प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी, विद्यालय के अध्यक्ष डाॅ0 प्रेम नरायन तिवारी, सह निदेशक इं0 आकाश तिवारी, कोषाध्यक्षा मीता तिवारी एवं उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं का जल व पुष्प से पैर प्रच्छालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। विद्यालय के समस्त अध्यापक अध्यापिकायें अपने शिष्य के द्वारा पैर प्रच्छालन से भावविभोर हो गये ।
 इस प्रकार सम्मान पाकर उनके आँखों मे आँसू आ गये। इसी क्रम मे विद्यालय के छात्रों ने अपने गुरू के पैर तौलिये से पोछा । विद्यालय के छात्राओं ने अपने गुरूओं का मनमोहक आरती का थाल सजाकर सबकी आरती उतारी एवं रोली टीका किया। इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी, कोषाध्यक्षा, उप प्रधानाचार्या सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने समस्त छात्र-छात्राओं को आर्शीवाद दिया। 
प्रबन्ध निदेशक ने बच्चों को संदेश दिया कि हम ‘शिक्षक दिवस‘ क्यों मनाते है। ये आप सभी को पता है। आज के दिन यानि 5 सितम्बर को हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे राष्ट्रपति बनने के पूर्व एक शिक्षक थे। उन्होनें अपना पूरा जीवन दूसरों को मार्गदर्शन प्रदान किया और छात्रों को ज्ञान देकर मार्ग प्रसस्त किया। उन्होंने कहा कि जो बच्चे अभी छात्र है ये ही लोग देश को आगे संभालेंगे। हमें सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा। हम अपने देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर लेते है तो स्वत: हमारा देश तरक्की करेगा, आगे बढ़ेगा, गरीबी मिटेगी और लोग खुद ब खुद अपने पसंद के अनुसार अपना रोजगार व अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते है। शिक्षक दिवस‘ के उपलक्ष में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भाषण का आयोजन किया गया। 
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत समूह नृत्य नर्सरी एवं एल0के0जी0 (गीत-सुक्रिया सुक्रिया) नामक गीत पर हर्षिता, आकृति, रिमिसा कक्षा-1 से (गीत-धन्यवाद शिक्षक) नामक गीत पर श्रद्धा, तुलसी, देवांसी, मोहनी, अविका, मानस, तेजस, सर्वग्य कक्षा-2 से (गीत-माँ का हाथ) नामक गीत पर हलाता, सुशांत, काव्या, दैविक, परिधि, रूद्र श्रीवास्तव, स्तुति, सानवी, प्रखर एवं सिया कक्षा-3 से (गीत- जग घुमेया) नामक गीत पर मोहनी, इशिता, सौम्या, आराध्या, आरव, रूद्राक्ष, कक्षा-4 से (गीत- वी लव यू टीचर) नामक गीत पर आव्या, यशवी, अवन्तिका, श्रद्धा, श्रृष्टि, नितिका, एकता, श्रैेया एवं आराध्या कक्षा-5 से (गीत-आशियाना तेरा मेरा) नामक गीत पर काव्या, श्रृष्टि, आकृति, श्रेया, मरियम, मेधावी, सौम्या, सुशांत, तनय, वरसान, मानविक, शिवांस, दक्षेस कक्षा-6 से (गीत- गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु) नामक गीत पर आस्था, आलिया, पलक, डिम्पल, मानवी, शिवानी कक्षा-8 से (गीत-नाचा नाचना) नामक गीत पर आस्था, आराध्या, श्रेयसी, सिमर. आदि छात्र-छात्राओं ने सुन्दर-सुन्दर नृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही कक्षा-11 के उत्कर्ष शुक्ला एक कक्षा-8 की नैनसी द्वारा बहुत ही मनमोहक एकल गीत की प्रस्तुति दी। इसी क्रम में कक्षा-7 और कक्षा-8 तथा कक्षा-9 के छात्र-छात्राओं द्वारा समूह गान एक सुन्दर समूह गान प्रस्तुत हुआ ।भाषण कार्यक्रम में यू0के0जी0 से कक्षा-12 के छात्र-छात्राओं में अर्जुन, दिव्यांस, अर्थव, तेजस, सर्वग्य, काव्या, हलाता, सुशांत, सिया, जयश, पारूल, अक्षत, आव्या, श्रेया, सिवांस, अभिराज, हर्ष, आस्था, पलक, आलिया, सिदरा, प्रशांत, दर्श, श्लोक, तनमय, आराध्या, आदिती, आयुश, अंश मिश्रा आदि छात्र-छात्राओं ने अपना-अपना विचार शिक्षक दिवस पर प्रस्तुत किया। इसी क्रम में कक्षा-11 के कक्षा अध्यापक राघवेन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में सभी छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के सभी अध्यापक अध्यापिकाओं को सुन्दर-सुन्दर लेख प्रस्तुत किया एवं अल्पाहार करवाया। साथ ही ‘शिक्षक दिवस‘ के अवसर पर नर्सरी से कक्षा-1 तक के शिक्षकों को पुरस्कार वितरण किया गया। प्रबन्ध निदेशक ने समस्त बच्चों को संदेश दिया कि जिस प्रकार कुम्हार मिट्टी को बर्तन का आकार देता है, ठीक उसी प्रकार शिक्षक छात्र के जीवन को मूल्यवान बनाता है। जिस तरह एक पक्की नींव ही ठोस और मजबूत भवन का निर्माण करती है, ठीक उसी प्रकार शिक्षक विद्यार्थी रूपी नींव को सुदृढ़ करके उस पर भविष्य में सफलता रूपी भवन खड़ा करने में सहायता करता है। एक शिक्षक ही है जो मनुष्य को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाता है और जीवन में सही और गलत को परखने का तरीका बताता है। कहा जाता है कि एक बच्चे के जीवन में उसकी मां पहली गुरू होती है, जो हमे इस संसार से अवगत कराती है। वहीं दूसरे स्थान पर शिक्षक होते है, जो हमें सांसारिक बोध कराते है। शिक्षक से हमारा संबंध बौद्धिक और आंशिक होता है । विद्यालय के आडिटोरियम में प्रबन्ध निदेशक, सह निदेशक, अध्यक्ष, कोषाध्यक्षा, उप प्रधानाचार्या‌उप प्रधानाचार्य एवं अध्यापक अध्यापिकाओं सहित छात्र छात्राओं के साथ केक काटकर उनका मुँह मीठा कराया और सामूहिक नृत्य भी किया तथा छात्र छात्राओं को टाॅफी, बिस्कुट, समोसा एवं कोल्ड ड्रिक आदि खिलाया पिलाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के कोषाध्यक्षा, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य तथा समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें बच्चों के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित किया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने ‘शिक्षक दिवस‘ पर समस्त अध्यापक, अध्यापिकाओं तथा समस्त स्टाफ को जलपान कराया एवं उपहार देकर सम्मानित करके उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हए कार्यक्रम का समापन किया।

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