अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के पायनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कालेज में गुरुवार को दशहरा (विजयादशमी) पर्व धूमधाम से मनाया गया।
2 अक्टूबर, 2025 को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पाॅयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड काॅलेज, बलरामपुर में ‘दशहरा (विजयादशमी), का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी एवं उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय सहित समस्त अध्यापक/अध्यापिकायें उपस्थित रहे। तत्पश्चात् विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि दशहरा (विजयादशमी व आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दशमी को ‘विजयादशमी‘ के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग शस्त्र पूजा करते है और नया कार्य प्रारम्भ करते है जैसे-अक्षर लेखन का आरम्भ, नया उद्योग आरम्भ, बीज बोना आदि) ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन स्थान-स्थान पर मेले लगते है। रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान श्री राम की विजय के रूप में मनाया जाता है अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनो ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है। दशहरा हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों-काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अंहकार, आलस्य, ंिहंसा, और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत सर्वप्रथम शंशाक (राम), आलिया (सीता) शिवांस (लक्ष्मण), आदित्य (हनुमान), मानविक (रावण के रूप में), जिगर (महाराज दशरथ), श्रृष्टि (कौशिल्या), रत्नाप्रिया (सुमित्रा), आकृति-(कैकेयी), मानविक (साधू वेष मे रावण), सेना मे शंशाक, अनमोल, सौम्या (नर्तकी) के रूप में बहुत मनमोहक एवं सुन्दर ढंग से अभिनय किया। तत्पश्चात् विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक के निर्देशन में उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय की देखरेख में अंत में भव्यरूप में रावण के पुतले का निर्माण किया गया। विद्यालय के प्रांगण में लंकापति रावण का पुतले को विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक के साथ भगवान राम के रूप में शशांक सिंह द्वारा जलाया गया जिसको देखकर के सभी छात्र-छात्राओं ने भगवान श्री राम की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जय-जयकार किया ।अन्त में प्रबन्ध निदेशक ने छात्र-छात्राओं को बताया कि दशहरा पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशहरा एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिए। विजयदशमी बहुत ही शुभ और एतिहासिक पर्व है। सभी लोगों को अपने अंदर के रावण को मार कर उस पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है। इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, उर्वशी शुक्ला, किरन मिश्रा सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए दशहरा (विजयदशमी) का पर्व मनाया।
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