पंश्याम त्रिपाठी / बनारसी मौर्या
नवाबगंज गोंडा ।ऐतिहासिक महंगूपुर गाँव में आयोजित भागवत कथा के चतुर्थ दिवस सोमवार को कथा प्रवाचक ने भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का बखान किया। कृष्णजन्मोत्सव पर यजमान सहित श्रोताओं ने आनंद मनाया।
कथा प्रवाचक पं0 मोहित शरण शास्त्री ने कहा कि पापाचार को समाप्त करने के लिए ईश्वर अवतरित होते हैं। कंस के अत्याचारों से पृथ्वी वासी जब अकुलाने लगे तब भगवान ने कृष्ण रूप में अवतार ग्रहण किया। आकाशवाणी से यह ज्ञात होने पर कि बहन देवकी का आठवां पुत्र ही कंस का वध करेगा, कंस ने बहन व उसके पति वसुदेव को कारागार में बंद कर दिया था, और जन्म के उपरांत 6 संतानो को मार भी चुका था। कृष्ण के जन्म लेते ही कारागार के दरवाजे खुल गए और उनकी रक्षा हेतु वसुदेव उन्हें जमुना पार कर गोकुल पहुंचा आए। कृष्ण जन्म से देवता सहित सभी नर नारी, जीव जन्तु हर्षित हुए। कथा श्रवण को आयी महिलाओ ने सोहर गीत गाये। सभी ने आनंद उत्सव मनाया। कथा प्रवाचक ने कहा कि आज समाज में बुरे कर्मों का बोलबाला है। व्यक्ति डरने के बजाय गलत कार्यों को कर स्वयं को श्रेष्ठ समझता है। लेकिन इसका परिणाम दुःखद ही होता है। बुरे कर्मों से बचने का मार्ग हरि चिंतन है। कृष्ण रूपी भक्ति आने से कंस रूपी पापाचार का अंत होता है। कथा में रामबहादुर पांडेय, दिनेश पांडेय, बड्डू पांडेय, अवनीद्र मिश्र, विनोद पांडेय, डा अभिषेक मिश्र, मिंटू प्रधान, राहुल शुक्ल, जितेंद्र पांडेय, शरद पंडेय, सुशील पांडेय राजू पांडेय नवनीत पांडेय रामशंकर शर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


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