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BALRAMPUR...मजबूर बाप की पुकार, पुलिस बताए मेरी बेटी जिंदा या मुर्दा


आनन्द मणि तिवारी/वेद प्रकाश मिश्र
प्रदेश की योगी सरकार भले ही यूपी पुलिस को मित्र पुलिस बनाने का दावा कर रही है । अपराध मुक्त प्रदेश तथा अपराधियों के अंदर पुलिस का खौफ होने का दावा कर रही है सरकार के साथ-साथ जिले के पुलिस अधीक्षक देवगन वर्मा भी पुलिस की कार्यशैली में सुधार लाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, परंतु जनपद बलरामपुर पुलिस सरकार तथा जिले के मुखिया पुलिस अधीक्षक के तमाम प्रयासों पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम बेला कोंड़री से जुड़ा हुआ है, जहां पर ससुराली जनों ने अपने बहू को नाटकीय ढंग से गायब होने का सूचना कोतवाली देहात में दिया है । सुशीला के ससुराली जनों ने बहू के गायब होने की सूचना थाने में दी, परंतु मायके में कोई सूचना नहीं दी । गांव के लोगों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर पीड़ित पिता अपने भाई के साथ पुत्री सुशीलासुशीला उर्फ गंगाजली से मिलने उसके ससुराल बेला कोंड़री गांव पहुंचे, जहां पर ससुराली जनों ने उसे मारकर नदी में फेंके जाने की बात बताई ।हालांकि उससे पूर्व ही ससुराली जनों ने अपने बचाव में थाने में तहरीर देकर गुमशुदगी का रिपोर्ट भी दर्ज कराने का प्रयास किया है । इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है । पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है ।

थाना महाराजगंज तराई क्षेत्र के ग्राम बलुआ निवासी बल्लम यादव ने कोतवाली देहात में प्रार्थना पत्र देकर अपने पुत्री सुशीला की हत्या कर नदी में फेंके जाने का आरोप ससुराली जनों पर लगाया है। बल्लम का कहना है कि 14 जुलाई को उसके पुत्री के ससुराल के लोगों द्वारा पुत्री सुशीला के साथ मारपीट किए जाने की सूचना प्राप्त हुई, जिसके बाद 15 जुलाई को वह अपने भाई के साथ पुत्री के ससुराल बेला कोंड़री गांव पहुंचे जहां पर उनके दामाद राजेंद्र यादव तथा उसके पिता आधार यादव ने सीधे मुंह बात भी नहीं की और कहा कि तुम्हारी पुत्री को मार के नदी में फेंक दिया गया । गांव वालों ने भी कुछ ऐसी ही बात बताइए । बल्लम का ए भी आरोप है कि राजेंद्र का सहयोग ग्राम प्रधान परशुराम यादव भी कर रहे हैं। ग्राम प्रधान परशुराम द्वारा लगातार धमकी भी दी जा रही है। साथ ही कोतवाली देहात पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है । पुत्री को उसके ससुराल में ना पाने के बाद पीड़ित पिता कोतवाली देहात पहुंचा और पुत्री की हत्या किए जाने से संबंधित तहरीर थाना में दिया । पुलिस ने 15 जुलाई की तहरीर पर 21 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया, वह भी अपहरण का । इस बीच पुलिस ने लड़की को ढूंढने की कोई कोशिश नहीं की और ना ही आरोप के मुताबिक उसकी लाश को ढूंढने का प्रयास किया । पीड़ित पिता अपनी पुत्री को जिंदा या मुर्दा तलाश के लिए दर-दर भटक रहा है । पुलिस अधीक्षक से लेकर कोतवाली तक का चक्कर लगा रहा है । पुलिस क्षेत्राधिकारी को एसपी देव रंजन वर्मा द्वारा मामले पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए परंतु नतीजा अभी तक शून्य ही है । पिता की मांग है कि या तो की लड़की को ढूंढ के जिंदा वापस लाया जाए अथवा फिर उसके ससुराली जनों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए ।आश्चर्य की बात तो यह है कि संगीन आरोप होने के बावजूद भी आरोपियों को न तो पुलिस अभी तक गिरफ्तार कर रही है और ना ही उसे किसी प्रकार की कड़ाई से पूछताछ की गई । यही कारण है कि आरोपी बेखौफ घूम रहे हैं और पीड़ित पिता को बराबर धमकी दी जा रही है ।
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