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Pratapgarh:शिक्षा और स्चच्छता पर अत्यधिक गाडगे ने दिया था जोर


स्वच्छता और शिक्षा के अग्रदूत संत शिरोमणि गाडगे की मनायी गई जयंती 
एस के शुक्ला
प्रतापगढ़। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर स्वच्छ भारत अभियान के प्रणेता एवं मानवता के महान उपासक संत शिरोमणि गाडगे महाराज  की 145वीं जयंती गोष्ठी के रूप में मोहम्मद अनीस खान की अध्यक्षता व अब्दुल कादिर जिलानी के संचालन में मनाया गया। इस मौके वक्ताओं ने कहा कि संत बाबा गाडगे का समाज सुधार आंदोलन सभी के लिए प्रेरणादायक है। उनका पूरा जीवन अंधविश्वास और कुरीतियों के विरोध में व्यतीत हुआ। उन्होंने शिक्षा, स्वच्छता और लोक शिक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया।संत गाडगे निष्काम कर्मयोगी थे। उन्होंने महाराष्ट्र के कोने कोने में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं,  विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराया लेकिन अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवायी।
और गरीब के प्रति हमेशा चिन्तित रहे।इस मौके पर वरिष्ठ सपा नेता गुलफाम खान, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुषमा पाल, महेंद्र यादव, वासिक खान, प्यारेलाल खैरा, इरफान खान, हरीश शुक्ला, राजू यादव, साजिद अली, डॉ राम बहादुर पटेल, डॉ शेर बहादुर यादव, नरेंद्र पाल एडवोकेट, प्रदीप यादव, मीडिया प्रभारी मनीष पाल सहित आदि मौजूद रहे। वहीं दूसरी ओर सृजना साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में स्वच्छता और शिक्षा के अग्रदूत महान चिंतक- समाज सुधारक सन्त गाडगे महाराज की जयन्ती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। महान सन्त के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कवि-साहित्यकार डॉ० दयाराम मौर्य   रत्न ने कहा कि संत गाडगे ने शिक्षा और स्चच्छता पर अत्यधिक जोर दिया।उन्होंने बताया कि शिक्षा ही सर्वकल्याण की कुंजी है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद एलायंस क्लब इंटरनेशनल के अन्तर्राष्ट्रीय एडवाइजर रोशनलाल ऊमरवैश्य ने कहा कि संत गाडगे छुआछूत, भेदभाव तथा ऊँच-नीच के आचार को समाज का कलंक मानते थे। नशाखोरी और फिजूलखर्ची का उन्होंने जीवन भर विरोध किया।संचालन शिक्षक राकेश कनौजिया ने किया।

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