बी पी त्रिपाठी
गोंडा । तहसील मुख्यालय कर्नलगंज अन्तर्गत रामलीला मैदान भूमि प्रकरण में हरे खम्भे को अभी तक ना हटाने को लेकर अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज कराते हुए आवश्यक कार्यवाही करने व लगे खम्भे को शीघ्र हटवाने की मांग की है।
प्रकरण कस्बा कर्नलगंज के बसस्टॉप चौराहा स्थित रामलीला मैदान का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रामलीला मैदान प्रकरण को लेकर बीते कुछ दिनों रामलीला कमेटी, अंजुमन सज्जादिया तथा नगर पालिका के बीच चल रही रस्साकसी और विवादों के पश्चात उपजिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन ने आपसी बातचीत के जरिए मामले का पटाक्षेप करा दिया था।
जिस पर अंजुमन सज्जादिया कमेटी के पदाधिकारियों ने आपसी समझौते के तहत रामलीला मैदान के बगल लगाए गए पिलरों को स्वयं हटवा दिया। परन्तु रामलीला मैदान के ठीक बगल लगे एक हरे पिलर को छोड़ दिये जाने से चर्चाओं का माहौल गर्म रहा। वहीं उपजिलाधिकारी हीरालाल तथा क्षेत्राधिकारी मुन्ना उपाध्याय के प्रयासों के चलते क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रही।
मालूम हो कि रामलीला मैदान के ठीक बगल लगे उसी एक हरे पिलर को लेकर अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से उप जिलाधिकारी हीरालाल को पुनः ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया गया है कि रामलीला मैदान की भूमि पर अंजुमन सज्जादिया द्वारा अवैध रूप से हरे रंग का सीमेंटेड खंभा लगाया गया है जो अभी तक नहीं हटाया गया है ।
जबकि उपजिलाधिकारी महोदय के द्वारा मौके पर जांच व स्थलीय निरीक्षण के दौरान विवाद को समाप्त करने हेतु अनाधिकृत रूप से अंजुमन सज्जादिया द्वारा लगाए गए खंभों को हटाने का आदेश दिया गया था। जिस पर रामलीला कमेटी के खंभे के निकट लगे हरे खंभे को छोड़कर शेष खंभे को अंजुमन सज्जादिया कमेटी ने हटा लिया है।
वहीं अंजुमन सज्जादिया द्वारा भविष्य में रामलीला मैदान की भूमि को हड़पने व पुनः सरहद मानकर कब्जा करने की नीयत से खंभा नहीं उखाड़ा जा रहा है। उक्त संबंध में तहसील कर्नलगंज के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप बली सिंह ने बताया कि रामलीला कमेटी के लगे खंभे के ठीक बगल लगा हरा खंभा भविष्य में किसी भी समस्या को उत्पन्न कर सकता है,जिससे इसे हटाया जाना नितान्त आवश्यक है।
अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से एसडीएम से त्वरित कार्रवाई करने और शीघ्र उक्त खंभे को उखड़वाने की मांग की है। जिससे विवाद समाप्त हो सके। वहीं उप जिलाधिकारी ने आपसी बातचीत के माध्यम से मामले का समाधान करने की बात कही।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप बली सिंह, अधिवक्ता सुरेश कुमार मिश्रा, अधिवक्ता अक्षय पाण्डेय, अधिवक्ता जयराज सिंह,अधिवक्ता अवध नारायण सिंह,अधिवक्ता अमर सिंह, अधिवक्ता राम प्रताप सिंह, अधिवक्ता सुशील सिंह, अधिवक्ता विजय शंकर अवस्थी, अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप दीक्षित, अधिवक्ता सचिन कुमार सिंह, अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव व अवधराज शुक्ला आदि अनेकों लोग मौजूद रहे।
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