पं श्याम त्रिपाठी
नवाबगंज(गोण्डा) भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का असर युवा पीढ़ी को पुरातन भारतीय संस्कारों से दूर कर रहा है। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के रूप में मनाने की परंपरा युवाओ को पथभ्रष्ट कर रही है।
भारतीय संस्कृति और संस्कारों की रक्षा के उद्देश्य से ही श्री योग वेदान्त सेवा समिति के द्वारा वैलेंटाइन डे को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया गया ।
योग वेदांत सेवा समिति के तत्वाधान में सोमवार को कस्बे के दुर्गा माता मंदिर में आयोजित मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में बच्चो ने अपने माता-पिता का चरण प्रक्षालन,तिलक,धूप,आरती के साथ किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ रामसुंदर प्रजापति ने दीप प्रज्वलित कर किया। संचालन कन्हैयालाल कौशल ने किया।
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाहक रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि संसार में माता-पिता से बढकर और किसी का स्थान नहीं है लेकिन पाश्चात्य संस्कृति और परिवेश की तरफ बढ़ रहे भारतीय युवाओं के आकर्षण के कारण धीरे-धीरे भारतीय समाज अपनी पुरातन और वैभवशाली संस्कृति से दूर होता जा रहा है जोकि भारतीय संस्कृति के लिए घातक है!
इस मौके पर विहिप के प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख गोविंद शाह ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में जब भारतीय युवाओं अपनी वैदिक और सनातन सभ्यता और संस्कृति से मोहभंग हो रहा है।
ऐसी परिस्थितियों इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हमारी भारतीय संस्कृति के लिए संजीवनी बूटी के समान है जो हमारे समाज, संस्कृति और युवाओं में नई ऊर्जा का संचार करेगी!
आरएसएस के नगर प्रचारक विकल्प ने समिति के सदस्यों और मौजूद युवाओं को प्रतिवर्ष ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहने का संकल्प दिलाया!
इस कार्यक्रम में प्रवीन केशरवानी, सूर्य नरायन,विनय गुप्ता,शिवम,अरविंद,शिव कुमार,मंगल प्रसाद सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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