राकेश गिरी
बस्ती। आशा बहू स्वास्थ्य समिति उत्तर प्रदेश की जिला इकाई ने मुख्तारखाने में बैठक कर मरवटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग किया है। स्वास्थ्य केन्द्र के जिम्मेदारों पर आशाओं के शोषण किये जाने का आरोप लगा है। आरोप है कि बिना रिश्वत लिये आशाओं को मिलने वाला कोई भुगतान नही किया जाता। एचईओ एएन सिंह पर तो यहां तक आरोप लगाये गये हैं कि वे अपनी चहेती आशाओं के खाते में बिना काम किये धनराशि भेजकर बाद में उनसे वापस ले लेते थे। अप्रैल 2015 से मार्च 2017 तक का कुछ आशाओं का मंथली बाउचर तथा नवजात शिशुओं एवं माताओं के विजिट का पैसा यह कहकर नही भुगतान किया गया कि विभाग में बजट नही है।
सीएमओ को इस बारे में प्रार्थना पत्र लिखकर भुगतान की मांग की गयी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई। आशा बहू स्वास्थ्य समिति के संरक्षक सुबाष चन्द्र उपाध्याय ने बीसीपीएम अखिलेश त्रिपाठी पर आरोप लगाते हुये कहा कि जिन आशाओं ने सुविधा शुल्क दे दिया है उन्हे चुपके से भुगतान कर दिया गया। एचईओ एएन सिंह तथा बीसीपीएम अखिलेश त्रिपाठी की विभागीय पहुंच के कारण उनके खिलाफ तमाम शिकायतों का कोई असर नही हुआ। उल्टे वे शिकायतकर्ताओं को यह कहकर डराते हैं कि उनकी पहुंच शासन प्रशासन तक है उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता। उपाध्याय ने मरवटिया सीएचसी को स्वच्छता के मद में मिले इनाम 2.50.000 रूपये के भी बंदरबांट का आरोप लगाया है।
बकौल उपाध्याय एएन सिंह की सम्पत्तियों की जांच करवाई जाये तो आय से अधिक सम्पत्ति का बड़ा मामला प्रकाश में आ सकता है। यह भी कहा गया कि मरवटिया में 80 फीसदी प्रसव के मामले फर्जी दर्ज किये जाते हैं। घरेलू प्रसव का संस्थागत दिखाकर लाभार्थियों से 700 रूपये वसूल किये जाते हैं। शासन द्वारा ऐसे लाभार्थियों के खातों में 1400 रूपये भेजने की व्यवस्था है। जो आशायें विभगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को विरोध करती हैं उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। श्री उपाध्याय ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दण्डित किये जाने की मांग किया है जिससे आशाओं का शोषण रूके और एनआरएचएम की मंशा का समाज को लाभ मिले।
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