पहला मामला
कुड़वार थाना क्षेत्र के इसरौली गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले प्रभुनाथ उपाध्याय ने बीते 29 जुलाई की घटना बताते हुए अपनी पत्नी रोशनी उपाध्याय की हत्या के बावत मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपी ईश्वर उर्फ सुशील मौर्या निवासी कस्बा कुड़वार की तरफ से जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी।
दूसरा मामला
मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के पूरे ठकुराईन गंगेरवा गांव का है। जहां के रहने वाले पुष्पेन्द्र यादव ने स्वामीनाथ की हत्या के बावत मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में आरोपी मो. शकील-धराए थाना कुड़वार की तरफ से जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी।
तीसरा मामला
गोसाईगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर 01 सितम्बर 2015 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी ने अपनी बेटी को भगा ले जाने एवं उसके साथ हुए दुष्कर्म के सम्बंध में आरोपी विशाल मिश्रा उर्फ भोनू मिश्रा निवासी भदवर-रोहनिया जिला वाराणसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में आरोपी विशाल मिश्रा की तरफ से जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी।
तीनों मामलो में प्रस्तुत जमानत अर्जियो को सुनवाई के पश्चात जिला जज प्रमोद कुमार ने खारिज कर दिया।
चौथा मामला
कूरेभार थाना क्षेत्र के पुरखीपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले रमेश कुमार दूबे के खिलाफ अभियोगी ने अपनी बेटी को आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में आरोपी की तरफ से एडीजे षष्ठम जमाल मसूद अब्बासी की अदालत में रमेश दूबे की जमानत पर सुनवाई चली। इस दौरान शासकीय अधिवक्ता रामनेवल यादव ने बचाव पक्ष के तर्काें को निराधार बताते हुए जमानत पर विरोध जताया। तत्पश्चात अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
पांचवा मामला
धम्मौर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां के तत्कालीन थाना प्रभारी ने आरोपी कृष्ण कुमार सिंह निवासी करपिया पश्चिम थाना मुसाफिरखाना समेत अन्य को अपराधिक गैंग का सदस्य बताते हुए गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में गैंगेस्टर आरोपी कृष्ण कुमार सिंह की जमानत अर्जी को स्पेशल जज विनय कुमार सिंह ने खारिज कर दी।
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