सुनील उपाध्याय
बस्ती यूपी । बस्ती जनपद में नवजात शिशुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने की कवायद चल रही है। अगर जन्म के समय नवजात शिशु नहीं रो रहा है या बहुत ही धीमी आवाज में रो रहा है। उसे सांस लेने में कोई परेशानी हो रही हो तो इस आकस्मिक स्थिति से निबटने और नवजात को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए आशा कर्मियों को निपुण बनाए जाने का काम किया जा रहा है । जिसके लिए जनपद की सभी आशा बहुओं को तीस तीस के बैच में पांच दिवसीय प्रशिक्षण विशेषज्ञों की अगुवाई में दिया जा रहा है।
सदर ब्लाक के के मरवटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में बुधवार को आशाओं को नवजात शिशु की सुरक्षा के लिए विशेष देखभाल किये जाने की जानकारी दी गई । जिसमें प्रशिक्षकों ने बताया की प्रसव के बाद मां व शिशु के स्वास्थ्य की जांच के लिए आशा 6 से 7 बार संबंधित घर पर विजिट कर देखभाल कर रही है । इस दौरान वह शिशु का वजन करने के साथ ही थर्मामीटर से तापमान जांच करने में निपुण किया गया है । इस दौरान आशाएं नवजात की आंख, त्वचा, नाभि, नाल,पीलिया, निमोनिया की भी जांच करती है । अगर बच्चे का वजन जन्म के समय कम है या सेप्सिस यानी गम्भीर संक्रमण है तो अब उसे एक माह में तेरह बार नवजात के घर जाकर उसको जोखिम से उबारने के लिए परिवार वालों की मदद करनी होगी। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अफताब रजा ने बताया की प्रसव के दौरान अगर नवजात के मुहं में गन्दा पानी चला जाता है तो म्यूकस स्ट्रेक्टर के जरिये आशाओं को इस स्थिति से निबटने के कौशल सिखाये जा रहे है। डॉ राम प्रकाश ने बताया की इस प्रशिक्षण के जरिये आशाएं एस्फेक्सिया,सेप्सिस, जोखिम वाले शिशुओं की पहचान,प्रजनन तंत्र के संक्रमण, यौन संचारी संक्रमण,सुरक्षित गर्भपात, परिवार नियोजन आदि के बारे में निपुण हो रही है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ए एन सिंह नें बताया इस कार्यक्रम से गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आएगी। ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस प्रबंधक अखिलेश त्रिपाठी बताया की प्रशिक्षकों में, बृहस्पति कुमार पाण्डेय,गिरजेश कुमार शामिल है। प्रशिक्षण में रामकेवल सहित साधना, कैसरजहाँ,सुमन, हेमवंती,वीना ,गुंजा मिश्रा,परमशीला,कुसुम,सीता आदि आशाएं मौजूद रही।


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