गनेश वर्मा
कौशाम्बी, करारी। जब सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का की तर्ज पर विकासखंड मंझनपुर के फरीदपुर सवरो गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में 5 सालो से नियुक्त प्रधानाध्यापिका के कारनामे अजीबो गरीब हैं।
जिले के शिक्षा विभाग के मुखिया को अपना रिश्तेदार बताकर आये दिन विद्यार्थियों व अध्यापको पर तुगलकी फरमान जारी कर देंती हैं।कहीं विद्यार्थियों से झाड़ू लगवाती है तो कहीं झूठे बर्तन धुलवाती हैं।
महीने में लगभग 10 दिन ही स्कूल आती हैं। स्कूल आने पर उपस्थिति रजिस्टर पर पूर्व के दिनों में भी दस्तखत कर उपस्थिति दर्ज कर देती हैं। प्रधानाध्यापिका के ये कारनामे आस पास के छेत्र में शुर्खियाँ बटोर रहा है।
स्वार्थ पूर्ण रवैया अपनाकर कभी भी मेनू के अनुसार मिड डे मील का भोजन नहीं बनवाती हैं। बच्चो ने बताया की प्रातिदिन हम लोगों से झाड़ू लगवाती है और झूठे बर्तन धुलवाती हैं।
3 महीने से प्रधानाध्यापिका के इस कारनामे से परेशान होकर दर्जनों के संख्या में विद्यार्थियों के अभिभावक ग्राम प्रधान प्रतिनिधि आफाक अहमद के पास आये और बच्चों के साथ हो रहे बर्ताव के बारे में बताने लगे। उसके पहले भी कई बार प्रधान को शिकायत मिल चुकी थी। वहीं दर्जनों अभिभावकों के साथ प्रधान पति विद्यालय जा धमके तो वहां का नजारा देख दंग रह गए प्रधानाध्यापिका थी ही नही । और बच्चे कई जगह पर झाड़ू लगा व बर्तन धुल रहे थे वही ग्राम प्रधान पति ने मीडिया को सूचना देते हुए मीडियाकर्मियों को बुला लिया और सच्चाई से अवगत करा दिया। और प्रधानाध्यापिका की शिकायत डीएम व बीएसए को लिखित देकर कार्रवाई की मांग की।
वहीं इस मामले में प्रधानाध्यापिका से जब फोन से बात की गई तो उनका कहना है कि मेरे ऊपर लगाए जा रहे हैं सभी आरोप निराधार हैं और मेरा एक्सीडेंट होने के कारण मैं बीमार चल रही थी और जिसकी सूचना बीएसए को लिखित दे दि थी। मानक के अनुरूप बच्चों को खाना दिया जा रहा है और बच्चों को विधिवत पढ़ाई कराई जा रही है


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