अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जिला मुख्यालय के नई बस्ती स्थित महर्षि बाल्मीकि मंदिर पर महर्षि वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए । वाल्मीकि जी के प्रतिमा स्थापित का विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया गया तथा सायं काल शोभायात्रा निकालकर पूरे नगर में भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
बलरामपुर ।। जिला मुख्यालय के नई बस्ती स्थित महर्षि बाल्मीकि मंदिर पर महर्षि वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए । वाल्मीकि जी के प्रतिमा स्थापित का विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया गया तथा सायं काल शोभायात्रा निकालकर पूरे नगर में भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
शोभा यात्रा को सांसद श्रावस्ती दद्दन मिश्र विधायक सदर पलटू राम तथा विधायक तुलसीपुर कैलाश नाथ शुक्ला ने नई बस्ती स्थित बाल्मीकि मंदिर से रवाना किया । शोभा यात्रा अंबेडकर तिराहे से मेजर चौराहा सिटी पैलेस बड़ा पुल चौराहा देवीदयाल तिराहा होते हुए गर्ल्स कॉलेज पुराना चौक से मुख्य बाजार होते हुए वीर विनय चौराहा से वापस नई बस्ती स्थित महर्षि बाल्मीकि मंदिर पर आकर समाप्त हुआ । स्थापित प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को पूजन अर्चन के बाद राप्ती नदी में किया जायेगा । शोभायात्रा के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली उनके सहयोगी शफीक अहमद के अलावा बड़ी संख्या में वाल्मीकि समाज के लोग तथा शहर के तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे । जगह जगह पर महर्षि बाल्मीकि तथा लव कुश का लोगों द्वारा माल्यार्पण व कर स्वागत किया गया । सांसद श्रावस्ती ने महर्षि वाल्मीकि को महान ऋषि बताते हुए कहा कि व्यक्ति चाहे जितना बुरा हो यदि वह अच्छा रास्ता अपनाना चाहे तो कुछ भी असंभव नहीं है और इसके उदाहरण महर्षि बाल्मिक से ज्यादा और कुछ नहीं हो सकता । उन्होंने कहा कि हम लोगों का सौभाग्य है कि हमें उस धरती पर रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जहां पर महर्षि बाल्मीकि ने कड़ी तपस्या की थी और वही पर मां सीता ने भी काफी समय बिताए थे । महर्षि वाल्मीकि का आश्रम श्रावस्ती जिले के सीताद्वार नामक स्थान पर था जहां पर लव और कुश का जन्म भी हुआ था ।
विधायक पलटू राम ने महर्षि वाल्मीकि बताए रास्तों पर चलने की अपील करते हुए कहा कि आज के समय में उनके आदर्शों का बहुत ही महत्व है उन्होंने रामायण की रचना कर सभी के लिए यह सुनहरा अवसर प्रदान किया है विधायक कैलाश नाथ शुक्ल ने महर्षि वाल्मीकि को महान संत बताते हुए कहां की उनके आदर्शों पर चलकर ही हम उन्हें सही मायने में श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं ऊंच नीच जात 5 के भेदभाव से ऊपर उठकर महर्षि बाल्मीकि ने जो आदर्श स्थापित किया वह युगो युगो तक अमर रहेगा । यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी । कोतवाल नगर डॉ उपेंद्र राय अपने तमाम सहयोगियों के साथ पूरे यात्रा के दौरान मौजूद रहे ।
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