गनेश वर्मा
कौशाम्बी। शनिवार की सुबह करारी थाना क्षेत्र के थांबा अलावलपुर गांव मे एक कमरे के अन्दर संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से एक विवाहिता की मौत, हो गई। सूचना पर पहुँची करारी पुलिस व फायर ब्रिगेड द्वारा आग पर काबू पाया गया। और मृतका का शव पोस्टमार्टम को भेज कर जांच पड़ताल मे जुटे पुलिस। मृतका के मायके वालों ने दामाद के भाई पर मार कर आग लगाने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार आशा देवी पुत्री केशव साहू 37 वर्ष निवासी चरवा की शादी 12 वर्ष पहले करारी क्षेत्र के थांबा अलावलपुर गांव के रामचन्द शाहू पुत्र महंगू साहू से हुई थी जो खेती किसानी का काम करता था । जिनके चार बच्चे हैं। (1) गुडिया 10 वर्ष (2) रेनु 8 वर्ष (3) सत्यम 6 वर्ष (4) शिवम 4 वर्ष हैं बताते हैं आशा देवी का दिमागी संतुलन ठीक नही रहता था। जिसकी वजह से इनके घर मे पति पत्नी व देवर पिन्टू से हमेशा झगडा हुआ करता था। हमेशा की तरह शुक्रवार की शाम को देवर व भाभी मे झगडा हुआ और शनिवार की सुबह महिला की आग लगने से मौत हो गयी। सूचना पर पहुँची पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम ने दरवाजा न खुलने के कारण जगला तोडकर आग पर काबू पाया फिर बडी मशक्क के बाद शव को दरवाजे के रास्ते बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।और जांच पड़ताल मे जुट गई पुलिस।पुलिस का कहना है की जांच चल रही है सत्यता पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा की महिला को मारने के बाद आग के हवाले किया गया या फिर महिला ने आत्महत्या किया है। मृतिका की पुत्री चश्मदीद गुडिया का कहना है की सभी लोग खेत गये हुए थे मम्मी सुबह छत पर कपडा डालने आयी थी और किसी बात को लेकर चाचा के डाटने पर मम्मी भातेे हुए कमरे मे घुसी और अपने तरफ से दरवाजा बंद करके आग लगा लिया।
लड़की के भाई उमेश शाहू का कहना है कि हमारी बहन पागल नही थी उनको हमारे बहनोई के छोटे भाई पिन्टू ने हत्या करने के बाद कमरे मे बंद करके आग लगा दिया गया है।
मामले मे पडोसियों का कहना है की मृतिका आशा देवी का दिमागी संतुलन ठीक नही रहता था जिसके कारण आयेदिन झगडा होता था।
मृतिका के पति व ससुर का कहना है की पिन्टू हम लोगो से अलग रहता था कभी - कभी आशा व पिन्टू से किसी बात को लेकर विवाद हो जाता था। शुक्रवार की शाम दोनों मे विवाद हुआ जिसे समझौता करा दिया गया था। और शनिवार की सुबह हम लोगो की ना मौजूदगी मे आशा ने कमरे मे जाकर आग लगा कर आत्महत्या कर लिया है। शोर शराबा व धुंवा उठता देख पडोसी पहुंचे और आग जलते देख दरवाजा व जगलें तोडते हुए हमको, पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दिया। और जबतक मे दरवाजा तोडते तबतक मे आशा भरपूर जल कर मर चुकी थी।
उन 4 मासूमो के ऊपर से मां का शाया हमेशा - हमेशा के लिए उठ गया जो अभी सही से चलना भी नही जानते हैं। भला उन मासूम का क्या कसूर था जिसकी सजा उनको मिली है अब इनकी ज़िन्दगी कैसे गुजरेगी ये तो ईश्वर ही जाने। मां का प्यार कभी बाप नही दे सकता है
हालाकि आशा के मरने के बाद देवर पिन्टू का फरार हो जाना पुलिस व मायके वालों मे शक पैदा कर दिया है।


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