अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। आज के समय में जब चारों ओर रिश्तो का कत्ल हो रहा है । भारतीय संस्कृति को असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार आघात पहुंचाया जा रहा है । भाई भाई का दुश्मन हो रहा है पिता पुत्र और पुत्र पिता के विरोध में खड़े हो रहे हैं । रिश्तो का मायने ही लगभग बदल चुके हैं । ऐसे समय में रामचरितमानस की एक-एक चोपाई का विशेष महत्व हो गया है ।
रामचरितमानस में रिश्तो की मर्यादा को काफी सरलता पूर्वक तथा गहराई से गोस्वामी तुलसीदास जी ने प्रदर्शित किया है ।रामचरितमानस की चौपाइयों पर आधारित ही रामलीला का मंचन किया जाता है । बलरामपुर जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में कई स्थानों पर रामलीला मंचन का कार्यक्रम आयोजित होता है जिनमें भगवती गंज का रामलीला मंचन व बलरामपुर मुख्यालय का रामलीला मंचन तथा भगवतीगंज का ऐतिहासिक राम भरत मिलाप कार्यक्रम देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं । भगवती गंज के उतरौला चौराहे पर आयोजित होने वाले राम भरत मिलाप कार्यक्रम देखने के लिए हजारों की संख्या में महिला पुरुष बच्चे सभी इकट्ठे होते हैं । इस वर्ष भी लगभग एक किलोमीटर की भरत मिलाप शोभायात्रा के दौरान सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग मौजूद दिखाई दिए ।
कार्यक्रम स्थल पर चारों तरफ दशकों से भरा रहा । मध्य रात्रि में भगवान राम का रथ पहुंचा और राम लक्ष्मण सीता रथ से उतरकर अयोध्या की राजगद्दी पर पहुंचे तो वहां पर भगवान भारत ने जिस प्रकार भगवान राम का स्वागत किया उसे देख कर वहां मौजूद सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए और अनायास सभी के मुंह से निकला कि भाई भाई के बीच में इस प्रकार का प्रगाढ़ प्रेम व त्याग होना ही चाहिए ।
जानकारी के अनुसार जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय पर विगत 75 वर्षों से लगातार दशहरा के दूसरे दिन राम भरत मिलाप कार्यक्रम बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है । बीती मध्यरात्रि में राम भरत मिलाप का ऐतिहासिक मंचन किया गया ।
कई हजार दर्शकों की मौजूदगी में एक किलोमीटर लंबा शोभा यात्रा निकाला गया । 14 वर्षों वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने पर भगवान भरत द्वारा अपने बड़े भाई प्रभु श्री राम का जिस प्रकार भाव विह्वल होकर स्वागत किया वो देख कर हर कोई भाव विभोर हो उठा ।
वर्तमान समय में ऐसे धार्मिक तथा ऐतिहासिक आयोजनों का विशेष महत्व है । आज के समय मे जब रिश्तो का कत्ल हो रहा है तो ऐसे आयोजनों को और प्रगाढ़ करने में सहयोग कर सकते हैं । बलरामपुर का आयोजन आपसी भाईचारे तथा सामाजिक समरसता का भी जीता जागता उदाहरण है ।
वर्तमान समय में ऐसे धार्मिक तथा ऐतिहासिक आयोजनों का विशेष महत्व है । आज के समय मे जब रिश्तो का कत्ल हो रहा है तो ऐसे आयोजनों को और प्रगाढ़ करने में सहयोग कर सकते हैं । बलरामपुर का आयोजन आपसी भाईचारे तथा सामाजिक समरसता का भी जीता जागता उदाहरण है ।
10 दिन तक चलने वाले रामलीला मंचन कार्यक्रम में सभी कलाकार स्थानीय होते हैं तथा कोई भी पारिश्रमिक नहीं लेता है । राम भरत भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे पुलिस क्षेत्राधिकारी ओपी सिंह नगर कोतवाल डॉ उपेंद्र राय तमाम पुलिसकर्मी सहयोगियों के साथ कड़ी निगरानी रखे हुए थे




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