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डॉक्टरों के रसूख के आगे सीएमओ गोण्डा ने टेके घुटने










 हास्यास्पद हुई स्थिति, आदेश फॉलो नहीं कर रहे अधीनस्थ
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। बहुत प्रचलित और पुरानी कहावत है कि 'खुदा मेहरबान, तो गधा पहलवान !' यह कहावत आम लोगों पर ही नहीं, बल्कि अधिकारियों और उनके अधीनस्थों पर भी लागू होती है। आलम यह है कि जिले के उच्चाधिकारी अपने ही आदेशों को रौंदते हुए बैकफुट पर आ जाते हैं। इसकी बानगी के तौर पर हम सीएमओ गोण्डा के दो आदेशों को पेश कर रहे हैं।






   दरअसल, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष श्रीवास्तव को मनकापुर सीएचसी पर तैनात एक डॉक्टर के सामने घुटने टेकने पड़े और करनैलगंज सीएचसी अधीक्षक के रसूख के आगे भी उन्हें नतमस्तक होना पड़ा। बताते चलें कि जिले के वीवीआईपी माने जाने वाले मनकापुर सीएचसी में बीते 20 वर्षों से तैनात डॉ.अनिल राय को सीएमओ ने हाल ही में जिला मुख्यालय के महिला अस्पताल में तैनाती का फरमान जारी कर दिया, लेकिन डॉक्टर अनिल राय के रसूख के सामने सीएमओ गोंडा का फरमान बेमानी साबित हुआ। आदेश के बाद रिमाइंडर भी भेजा गया 


लेकिन डॉक्टर राय की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा और सीएमओ उन्हें मनकापुर सीएचसी से टस से मस तक नहीं कर सके। यही नहीं, बताते हैं कि मनकापुर सीएचसी पर तैनात डॉक्टर राय का इससे पूर्व भी स्थानांतरण हो चुका है और पदोन्नति उपरांत वे डिप्टी सीएमओ के पद पर भी तैनात हैं। लगभग 2 वर्ष पूर्व डॉक्टर राय का स्थानांतरण पड़ोसी जिले बलरामपुर में हो गया था, लेकिन एक सफेदपोश के चरण बंदन से डॉक्टर राय को स्थानांतरण जैसे विभागीय प्रकोप से मुक्ति मिल गई थी। या यूं कहें कि सफेदपोश की हनक से सीएमओ गोंडा डॉक्टर राय का स्थानांतरण करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे।

डॉ. सुरेश चन्द्रा


करनैलगंज सीएचसी अधीक्षक के भी ठेंगे पर सीएमओ का आदेश

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.संतोष श्रीवास्तव का आदेश जिले के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात डॉक्टर कतई मानने को तैयार नहीं हैं। मनकापुर सीएचसी के डॉ.राय के साथ ही करनैलगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुरेश चन्द्रा ने भी सीएमओ का आदेश फॉलो करने से साफ इंकार कर दिया। दरअसल, 19 जनवरी 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करनैलगंज के अधीक्षक डॉ. सुरेश चन्द्रा को सीएमओ ने आदेश दिया कि उन्हें उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गोण्डा के पद पर तैनात किया जाता है।
आदेश की प्रति 
आदेश में लिखा गया कि 'जनपद गोण्डा में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सभी पद रिक्त होने के फलस्वरूप प्रशासनिक नियंत्रण में उत्पन्न हो रही कठिनाइयों के दृष्टिगत डॉक्टर सुरेश चन्द्रा को तात्कालिक प्रभाव से स्थानांतरित करते हुए उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोण्डा के पद पर तैनात किया जाता है। डॉ. चन्द्रा तत्काल स्थानीय व्यवस्था पर समस्त प्रभार डॉक्टर सुनील सिंह चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करनैलगंज को हस्तगत कर तत्काल नयी तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करें तथा प्रभार प्रमाण पत्र सम्बंधित अधिकारियों को अविलंब प्रेषित करें।' हद तो यह है कि सीएमओ के आदेश का पालन 12 दिन बाद भी नहीं किया जा सका।

डॉ राय 


चर्चित सख्सियत हैं डॉक्टर राय

चिकित्सा जगत में डॉक्टर राय बहुत चर्चित सख्सियत माने जाते हैं। उन पर अपने निजी आवास पर प्रैक्टिस करने व मरीजों से दुर्व्यवहार करने जैसे आरोप लगते रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके कारनामों के किस्से चर्चा में रहते आए हैं, लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी सीएमओ गोंडा डॉक्टर राय के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं!



क्यों नहीं हो रहा मनकापुर से मोहभंग ?

सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर राय द्वारा अस्पताल से ज्यादा, अपने आवास पर प्रेक्टिस करने के कारण मोटी कमाई होती है। डॉ. राय के आवास पर आने वाले मरीजों में लगभग 75% लोगों की तमाम प्रकार की पैथॉलाजिक जांचें होनी ही हैं, जिसका पूरा कमीशन डॉ. राय को दिन ढलते ही नगद मिल जाता है। आसपास के पैथालाजी संचालन करने वाले लोगों के रजिस्टर में जांच के बाद भी वाह्य जांच के आरोपों को नकारने की पूरी व्यवस्था है। डॉ. एके राय द्वारा भेजे गए मरीज के साथ डॉक्टर के नाम की जगह पर पैथालाजिस्ट 'केए' लिख कर सेटिंग गेटिंग में कदम से कदम मिलाते हैं।
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