पर्यावरण संतुलन और संरक्षण के लिए योगदान दे जनता : कन्हैया सिंह
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। एक जुलाई से पूरे प्रदेश में चलाए जा रहे वृक्षारोपण महाभियान के तहत पंडरी कृपाल रेंज के विद्या नगर बीट अंतर्गत वन महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए क्षेत्रीय वनाधिकारी ओ. पी. लाल श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यावरण संतुलन तथा स्वस्थ-निरोगी जीवन के लिए वृक्षारोपण अति आवश्यक है। सभी लोगों को वृहद स्तर पर वृक्ष लगाना चाहिए, क्योंकि वृक्ष हमें स्वस्थ वातावरण भी देते हैं, जिसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य और जीवन पर भी पड़ता है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण के मद्देनजर पहली जुलाई से वृक्षारोपण महाभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पूरे प्रदेश में 22 करोड़ पौधों का रोपण होना है। अकेले गोण्डा जिले में 39 लाख से अधिक पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि 1 जुलाई से 15 अगस्त तक चलने वाले इस महाअभियान के तहत वन विभाग के पौधशालों पर नि:शुल्क पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने बताया कि गोण्डा वन प्रभाग के अंतर्गत 16 ब्लाक क्षेत्रों में कुल 22 पौधशालाएं स्थापित हैं। इन पौधशालाओं पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से क्षेत्रवार पौध उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो पूरी तरह नि:शुल्क हैं।
वन दरोगा कन्हैया सिंह ने कहा कि जनता का भी यह कर्तव्य है कि वह पर्यावरण संरक्षण और संतुलन के लिए अपना योगदान दे। वन विभाग के स्तर पर यह पूरा प्रयास किया जाएगा कि हमारे चारों तरफ व्याप्त जल, वायु, भूमि में हो रहे पर्यावरणीय असंतुलन को रोका जा सके तथा ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण कर मौसम के परिवर्तन तथा जीवन की महती आवश्यकता ऑक्सीजन को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरे प्रदेश में वृक्षारोपण महाभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से पौधशालों द्वारा नि:शुल्क पौध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर वन अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही बुद्धजीवियों तथा ग्रामीणों द्वारा वृक्ष रोपित किए गए।
कार्यक्रम में वन रक्षक डी. एन. पाण्डेय ने नर्सरी में वृक्ष लगाने के दौरान नई पीढ़ी को इस महाअभियान से जोड़कर तथा घर घर बच्चों के माध्यम से पेड़ लगवाने और घर के सभी सदस्यों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी को दस-दस वृक्ष लगाने चाहिए। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण में मुख्य बाधक बढ़ती जनसंख्या व प्रगति के नाम पर आर्थिक लाभ के लिए वनों को द्रुतगति से काटा जाना बताया। श्री पाण्डेय ने कहा कि यदि विकास के नाम पर एक पेड़ काटा जाए तो उसके पहले कई वर्षों की योजना के तहत 10 पेड़ लगा दिए जाएं ताकि लाखों जीव जंतु और पशु पक्षियों के आश्रय को ना उजाड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि जीवन के लिए नितांत आवश्यक शुद्ध हवा-पानी सभी के लिए एक ही रहा है। अर्थात सांस लेने के लिए सभी को ऑक्सीजन चाहिए। ऐसे में पर्यावरणीय समरसता स्थापित होनी चाहिए और अलग-अलग आवश्यकताओं के नाम पर पर्यावरण का दोहन रोका जाना चाहिए।
कार्यक्रम में ओपी लाल श्रीवास्तव क्षेत्रीय वनाधिकारी पंडरी कृपाल, वन दरोगा कन्हैया सिंह के अलावा नंदगोपाल वन दरोगा, नंदूराम वन रक्षक, राघवराम वाचर, राम किशोर मिश्र वाचर, अमृतलाल मिश्र बाबा, चकसड़ प्रधान प्रतिनिधि के.के. जायसवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व ग्रामीण मौजूद रहे।
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