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दिल मेरा भी धड़कता है एहसास तो करो ...


 काछा में जमी कवियो की महफ़िल     
शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ | जनपद के विकास खण्ड लक्ष्मणपुर क्षेत्र के काछा गाँव मे आयोजित कवि सम्मेलन में एक से एक बढ़ कर रचनाये पढ़ी गयी ।कार्यक्रम की शुरुआत भाजपा नेता स्वामी प्रसाद शुक्ल ने दीप प्रज्ज्वलित कर आलोक बैरागी ने सरस्वती वंदना किया । 

उसके बाद कानपुर से पधारे ओज के कवि प्रभाकर मिश्र  प्रभाकर ने अपनी रचना ''370 खत्म हो गयी,सब सम्भव हो जाएगा'' धैर्यपूर्वक साथ दीजिये ,मंदिर भी बन जायेगा ।। को लोगो ने खूब सराहा । उसके बाद गजेन्द्रसिंह विकट ने ''पतझड़ सी जिंदगी को मधुमाश तो करो , दिल मेरा भी धड़कता है एहसास तो करो ।।से मंच को ऊंचाई दी । हास्य के कवि चंद्र शेखर विकास ने आशिक अगर माफिक है तो मरना कबूल है ,अगर आशिक वेवफा है तो मरना फ़जूल है  , से लोगो को खूब हंसाया ।

गीतकार सुरेश दुबे व्योम ने ''तुम हो मेरी तन्हाइयां शहनाइयों ने तुम , तुम हो शिशिर की धूप तन्हाइयों में तुम ।।को खूब पसंद किया गया। इसमे अशोक विमल ,  बृजेश तन्हा , हरि बहादुर सिंह ,बाबूलाल सरल ,परशुराम  उपद्ध्याय ,प्रमोद लंठ ,केसरी नंदन शुक्ल ,गुरु वचन सिंह बाघ ,प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम ,लवलेश यदुवंशी ,आशुतोष गिरी ,विनोद दुबे हेमंत शुक्ल ,अर्जुन साहू ,श्याम तिवारी ,श्याम तिवारी ,ने भी काव्य पाठ किया ।अध्यक्षताअर्जुन सिंह संचालन डॉ अजीत शुक्ल ने किया इस मौके  पर अनिल त्रिपाठी  राजेश मिश्र ,संजय शुक्ल ,समाज शेखर , प्रकाश बलियाबी मौजूद रहे ।स्वागत यज्ञ कुमार सिंघम ने किया ।आभार संजोजक अनूप त्रिपाठी  हरिवंश शुक्ल ने किया ।

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