अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से सोमवार को जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान आग़ाज हुआ। मुख्य अतिथि सदर विधायक ने विद्यालय परिसर में पौधरोपण कर व जागरूकता रथ को हरी झंड़ी दिखाकर जिले में अभियान की शुरूआत की। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों को वेक्टर जनित रोगों के प्रति जागरूक कर बचाव, जांच, इलाज व दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगें।
जानकारी के अनुसार जिले में एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि सदर विधायक पल्टूराम ने बताया कि पूरा पूर्वांचल दिमागी बुखार से पीड़ित था लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रयास ने दिमागी बुखार के मरीजों में कमीं आई है। पहले लोग अंधविश्वास के चलते अपना इलाज नहीं कराते थे और असमय उनकी मृत्यु हो जाती थी लेकिन अब सरकार के प्रयास व लोगों की जागरूकता से जेई एईएस के आंकड़ों में कमीं आई है। उन्होने कहा कि सरकारी विद्यालयों में बच्चों के शौचालय व साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जिससे बच्चे बीमारियों से बच सकें। सरकार द्वारा चलाया गया ये अभियान सीधे लोगों के घरों तक पहुंच रहा है जिससे हर परिवार सुरक्षित हो सकेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बताया कि जिले में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान चलाया जा रहा है।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों के घर दस्तक देकर उनको बीमारी और बचाव के बारे में जागरूक करेंगी। एएनएम टीम के साथ या अकेले निर्धारित लक्ष्य को पूरा करेंगी। इससे दिमागी बुखार सहित अन्य बुखार पर बचाव टीम सीधा वार कर सकेगी ताकि हर परिवार सुरक्षित हो सके। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान के इस तीसरे चरण में आशा कार्यकर्ता 30 सितम्बर तक पखवारा समाप्त होने के बाद भी प्रत्येक परिवार की निगरानी करेंगी और बुखार से पीड़ित होने वाले रोगी को तत्काल सीएचसी व पीएचसी पर पहुंचायेगी ताकि उन्हें समुचित इलाज मिल सके। उन्होने कहा कि प्रदूषित भोजन व अन्य कारणों से बैक्टीरिया एक शरीर से दूसरे शरीर में पहुंचता है। मक्खी, मच्छरों को नियंत्रित करने व साफ पानी पीने से आधे से अधिक समस्या को दूर किया जा सकता है। संचारी रोग के नोडल अधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय ने बताया कि वर्ष 2030 तक जिले को जेई एईएस से मुक्त करने के लिए तृतीय चरण में 2 से 30 सितम्बर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और द्वितीय चरण में 2 से 14 सितम्बर तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा लेकिन नगर में मात्र 17 आशा कार्यकर्ता होने के कारण नगर क्षेत्र में दस्तक अभियान भी 30 सितम्बर तक चलेगा। इस दौरान आशा प्रत्येक परिवारों के घर पर दस्तक देंगी। कार्यक्रम के समापन पर सभी को दिमागी बुखार से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास करने की दिलाई ‘दस्तक शपथ’ भी दिलाई गई। कार्यक्रम को बीएसए हरिहर प्रसाद, ईओ नगर पालिका राकेश जायसवाल, डा. अतुल कुमार सिंघल ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के बाद सदर विधायक ने नगर में दवा कि छिड़काव के लिए फागिंग मशीन व संचारी रोग नियंत्रण जागरूकता रथ को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान एसीएमओ डा. कमाल अशरफ, जिला मलेरिया अधिकारी मंजुला आनंद, डीपीएम शिवेन्द्र मणि, विनोद त्रिपाठी, अमित श्रीवास्तव, अरविंद मिश्रा व सफाई प्रभारी सुरेश गुप्ता सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
कैसे हो एईएस की पहचान
-तेज बुखार आना, लगातार बुखार बने रहना, शरीर में सुस्ती बने रहना, दांत पर दांत बैठना, शरीर में झटके आना, पूरे शरीर या फिर किसी अंग में ऐठन होना, बोल न पाना और चिकोटी काटने पर भी असर ना होना इस बीमारी के लक्षण हैं।
बुखार में देरी पड़ेगी भारी, सावधानी भी जरूरी
दिमागी बुखार का टीका जरूर लगवाएं। मच्छरों बचें, मच्छरदानी, अगरबत्ती या कॉयल वगैरह का प्रयोग करें। पूरे आस्तीन की कमीज, फुल पैंट पहनें। सुअरों को घर से दूर रखें। रहने की जगह साफ सुथरा रखें एवं जाली लगवाएं। पीने के लिए इंडिया मार्का हैंडपंप के पानी का प्रयोग करें। पानी हमेशा ढक कर रखें। पक्के व सुरक्षित शौचालय का प्रयोग करें। शौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवश्य धोएं। नाखूनों को काटते रहें। लंबे नाखूनों से भोजन बनाने व खाने से भोजन प्रदूषित होता है। दिमागी बुखार के मरीज को दाएं या बाएं करवट लिटाएं। यदि तेज बुखार हो तो पानी से बदन पोंछते रहे।
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