अवसाद के प्रति लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता– मोहन झा | CRIME JUNCTION अवसाद के प्रति लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता– मोहन झा
Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

अवसाद के प्रति लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता– मोहन झा


■ विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस पर जिला अस्‍पताल में लगा शिविर
■ शिविर में मौजूद लोगों को मानसिक रोगों के प्रति किया जागरुक

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। विश्व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्‍सालय में विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस के अवसर पर  गोष्‍ठी के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया गया। ‘आत्‍महत्‍या रोकने के लिए मिलकर काम करना’ थीम पर केन्द्रित इस आयोजन में उपस्थित लोगों को सम्‍बोधित करते हुए मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ पंकज टण्‍डन ने कहा कि वर्तमान समय में आधुनिक जीवन शैली और तकनीकी के दुष्‍प्रभाव के चलते लोगों के अन्‍दर अवसाद पैदा हो रहा है। यही अवसाद मानसिक रोगों के चलते आतमहत्‍या जैसी गंभीर प्रवृत्ति को जन्‍म देता है। इसलिए आवश्‍यक है कि हम सब मिलकर इससे लड़ें और इस पर विजय प्राप्‍त करें।
इस दौरान अपर मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी डॉ मोहन झा ने कहा कि अवसाद के प्रति लोगों को जागरुक करने की आवश्‍यकता है। जरुरत इस बात की है कि हम अवसाद को पहचानें तथा उसका इलाज कराएं। ताकि यह समस्‍या गंभीर होकर पागलपन और आत्‍महत्‍या तक न पहुंचे। मानसिक बीमार लोगों के इलाज के लिए सबसे पहले परामर्श विधि अपनाना चाहिए। सीधे दवाओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके जरिए मानसिक बीमारी के इलाज में बहुत ही सहायता मिलती है। गैर संचारी रोग प्रकोष्‍ठ ( एनसीडी सेल ) के अधीक्षक डॉ ए के श्रीवास्‍तव ने कहा कि इस बार विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस 10 अक्‍टूबर की थीम को आत्‍महत्‍या से जोड़ते हुए ‘ आत्‍महत्‍या रोकने के लिए मिलकर काम करना’ तय की है। इससे यह स्‍पष्‍ट है कि अवसाद के चलते होने वाली आत्‍महत्‍याओं को लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन किस कदर संवेदनशील बना हुआ है।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित शिविर में डॉ अम्बिका प्रसाद गुप्‍ता, डॉ कुमार सिद्धार्थ, डॉ तन्‍वंगी मणि त्रिपाठी, अमरेन्‍द्र कुमार, सतीश गौड़, बलवन्‍त त्रिपाठी आदि ने शिविर में आए हुए लोगों की जांच की तथा उन्‍हें आवश्‍यक परामर्श दिया। इस दौरान हरिओम सिंह, मनीष मिश्रा के साथ ही साथ अन्‍य लोग भी मौजूद रहे।

430 की हुई जांच, 115 मानसिक रोगी चिन्हित

इस दौरान वहां पर मौजूद चिकित्‍सकों ने 430 मरीजों की जांच की। जांचोपरान्‍त 115 लोगों के अन्‍दर मानसिक रोगों के लक्षण पाए गए। ऐसे लोगों की काउन्सिलिंग के साथ ही उनको दवाएं भी दी गईं। शिविर में 223 लोगों के रक्‍तचाप की जांच की गई। साथ ही साथ 76 लोगों का शुगर भी निशुल्‍क जांचा गया। चिन्हित रोगियों को पुन: उपचार के लिए भी बुलाया गया है। इस दौरान बुजुर्गों को फल का भी वितरण किया गया ताकि वे स्‍वस्‍थ रहें।

क्या कहते है विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े

मनोवैज्ञानिक अमरेन्‍द्र कुमार के अनुसार विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि विश्व में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा अनुपात 15-29 साल के लोगों का है। कम आय वाले देशों में आत्महत्या का अनुपात 79 फीसदी है। भारत भी इसी में शामिल है। आत्महत्या के लिए सबसे अधिक लोग जहरीला पदार्थ, फंदे पर लटककर, शरीर में आग लगाने जैसी युक्तियों का इस्‍तेमाल करते हैं ।

ये है अवसाद के लक्षण

मनोचिकित्‍सक डॉ तन्‍वगी मणि शुक्‍ला के अनुसार उदासी, आंसूपन, खालीपन या निराशा की भावनाएं ।बार-बार गुस्‍सा आना, चिड़चिड़ाहट या निराशा में वृद्धि । सबसे सामान्य या सुखद गतिविधियों में भी रूचि का न होना और लगातार बोरियत की भावना बनी रहना । अनिद्रा की भांति या तो नींद में परेशानी अथवा अत्यधिक नींद आना । छोटे कार्यों में भी थकान और ऊर्जा की कमी । भूख में बदलाव - या तो कम भूख लगना और वजन घटना अथवा भूख ज्‍यादा लगना और वजन बढ़ना । ध्यान केंद्रित करने और निर्णय लेने में परेशानी । काम और पेशेवर करियर में दक्षता की कमी ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे