Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

न्यूमोनिया दूर कर बाल मृत्यु दर कम करने में उपयोगी है नीमोकाॅकल वैक्सीन


अखिलेश्वर तिवारी
जिले में पायलट प्रोजेक्ट के बाद प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क लगेंगे टीके
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर में बाल मृत्यु दर को घटाने का प्रयास को लेकर स्वास्थ्य महकमें ने बलरामपुर सहित प्रदेश के 6 जिलों में बच्चों को निःशुल्क न्यूमोनिया का टीका लगाना शुरू किया था। सरकार द्वारा किये गये इस प्रयास का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है, जिसके बाद सरकार ने बच्चों की बीमारी से होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए पूरे प्रदेश में न्यूमोनिया का टीका निःशुल्क लगाये जाने का फैसला लिया है। इसके लिए तीन माह में सरकारी स्तर पर नीमोकाॅकल वैक्सीन लांच की जाएगी।

                  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बुधवार को बताया कि वर्ष 2017 से विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी में न्यूमोनिया का टीका निःशुल्क लगाने का फैसला लिया था। इसके सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद सरकार ने वैक्सीन को सरकारी स्तर पर प्रदेश में लांच करने का निर्णय लिया है। मार्च 2020 से न्यूमोनिया का टीका पूरे प्रदेशभर के अस्पतालों में निःशुल्क लगाया जाएगा। उन्होने बताया कि निजी अस्पतालों में इस टीके के 4 हजार रूपये वसूले जाते थे लेकिन राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीके का पूरा कोर्स निःशुल्क होगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरूण कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत देश भर में अभी 12 बीमारियों से बचाव के टीके लगाये जाते हैं। प्रदेश में न्यूमोनिया का टीका शामिल ना होने के कारण 11 टीके ही लगाये जाते थे। इसके अलावा जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका सिर्फ प्रभावित जिलों में ही लगाया जाता है। उन्होने बताया न्यूमोनिया का टीका ना होने के कारण एस.आर.एस. 2017 के सर्वेक्षण के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रति एक हजार बच्चों पर 46 बच्चों की मौत न्यूमोनिया से हो जाती है। डब्लूएचओ के 2014 की रिपोर्ट के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के 17 प्रतिशत बच्चों की मौत न्यूमोनिया के कारण हो जाती है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार की जनसंख्या में 5 वर्ष तक के करीब 60 बच्चे प्रति वर्ष न्यूमोनिया के शिकार होते हैं, जो मौसम के अनुसार घट बढ़ सकते हैं। ऐसे में इस वैक्सीन को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने से बाल मृत्यु दर में काफी हद तक कमीं आएगी।

इन बीमारियों से बचाव के लिए लगते हैं टीके

              बीसीजी(गम्भीर किस्म की टीबी), हिमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (हिब), पोलियो, काली खांसी, डिप्थीरिया, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, रोटा वायरस (डायरिया), जापानी इंसेफ्लाइटिस, खसरा, रूबेला समेत कई बीमारियों के लिए यह टीकाकरण बच्चों के लिए आवश्यक होता है।

शासन स्तर पर तैयार हुआ शेड्यूल

                   सीएमओ डा. घनश्याम सिंह ने बताया कि शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग को नीमोकाॅकल कज्यूगेट वैक्सीन (पीवीसी) का एक शेड्यूल जारी किया गया है। इस शेड्यूल के तहत जन्म से डेढ़ माह में पहली डोज, साढ़े तीन माह में दूसरी डोज और नौ माह में बूस्टर डोज लगाई जाएगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे