विमल मिश्र
बभनान गोण्डा:जहां पूरे देश में कोरोना का डर लोगो मे व्याप्त है और उसकी संख्या इज़ाफ़ा हो रहा है और केंद्र सरकार ने देश में 15 अप्रैल तक लॉक डाउन की घोषणा की है।और लोगो से घर मे रहने की अपील की गई है ,हाथ को बार बार धोने की बात कही गयी है ।सोसल डिस्टेनसिंग के साथ सावधानी बरतने की अपील की गई है,वही प्रदेश में जरूरी सेवाओं में शामिल गन्ना विभाग के अंतर्गत आने वाले चीनी मिले निरंतर चल रही है ,यहां पर गन्ना विक्री करने आए किसान किसी प्रकार की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दे रहे है ,न तो सेनेटाइजर,न मास्क ,न ग्लव्स का प्रयोग ,और लॉक डाउन के चलते सारे होटल और ढाबे बन्द हो गए जिससे गन्ना बिक्री करने आये किसान भोजन की तलाश में गेट से बाहर निकल कर दर्जनों की संख्या में इधर उधर भटकते रहते है जिसके चलते मिल गेट पर सुबह शाम दर्जनों लोग भीड़ लगा कर खड़े हो जाते है ,जिससे अस पास के वासियो को आते जाते संक्रमण का खतरा बना रहता है ,चीनी मिल में लगभग 1000 कर्मचारी काम करते है ,
बताते चले कि कर्मचारी सैनिटाइज़र और मास्क भी खरीद कर ला रहे हैं। कर्मचारियों की शिकायत है कि चीनी मिल के अंदर ऑफिस के कर्मचारियों को सैनिटाइजर, मास्क, साफ-सफाई समेत अन्य सुविधाएं दी गई हैं। एक ही विभाग होने के नाते भी
बाहर के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।यहां दूर दूर से किसान गन्ना बिक्री के लिए अलग अलग गांव से आते है ,जिनसे बात चीत और कागज का लें देंन करना पड़ता है ,जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है ,22 को भारत बंद के दौरान चीनी मिल के द्वारा एक बार मास्क और सेनेटाइजर का बितरण किया गया था । उसके बाद कोई जिम्मेदार नही सामने आया ।
कोरोना को लेकर देश में लॉक डाउन के बावजूद हम यहां लोगों की सुविधाओं के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन उसके बाद चीनी मिल द्वारा किसानों और कर्मचारियों को
मास्क, सैनिटाइजर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गयी है। साफ-सफाई तो दूर की बात है। यहां सभी कर्मचारी खौफ के साये में जी रहे है ।
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