कमलेश जयसवाल
पलिया कलां खीरी। तस्करी के खेल में तस्कर के साथ बड़े-बड़े सफेदपोश शामिल हैं और स्थानीय पुलिस, प्रशासन और एसएसबी की भूमिका संदिग्ध है.
आपको बता दें कि नेपाल से तस्करी कर भारत के बॉर्डर क्षेत्र में जमा किया जाता है और यहां से भारत के विभिन्न बाजारों में भेजा दिया जाता है।
इस तस्करी के खेल में तस्कर के साथ बड़े-बड़े सफेदपोश शामिल हैं और स्थानीय पुलिस, प्रशासन और एसएसबी की भूमिका संदिग्ध है. बॉर्डर के नदियों के बीच से प्रतिदिन लगभग कई कुंटलो मटर की बोरी नेपाल से पार कर कजरिया, बनगवां, सूंडा, ढकिया, देवराही, बंदरभरारी, धुसुकिया, चंदन चौकी में लाया जाता है यहां से साइकिल के माध्यम से पलिया पहुंचा दिया जाता है।
तस्करों के हौसले इतने बुलंद है और प्रशासन से इतनी छूट हैं कि दिन के उजाले में थाना के सामने से तस्करी की हजारों बोरा मटर लेकर तस्कर गुजरते है.
लेकिन थाना से लेकर प्रशासन का हर महकमा मौन रहता है मटर भारत के विभिन्न बाजारों में भेज दिया जाता है.
वहीं बुद्धिजीवियों का इनका कहना है कि इस मटर से लोगों के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव डालता है और सेहत को नुकसान पहुंचाने में कारगर साबित होता है तो वहीं तस्करी में तस्कर और सफेदपोश शामिल हैं और स्थानीय प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। सबकी जांच होनी चाहिए।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ