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गोण्डा: 7 जनवरी को होगा सम्मान समारोह का आयोजन




अखिलेश्वर तिवारी

जनपद बलरामपुर के सीमावर्ती गोंडा जिले के विधानसभा मेहनौन पूर्व में मुजेहना के नाम से जाना जाने वाले विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक व एक बार उत्तर प्रदेश शासन में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रह चुके स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला की जयंती 7 जनवरी को उनके शुभचिंतकों का समर्थकों द्वारा बाबागंज में मनाया जाएगा ।

राहुल शुक्ल

नन्दिता शुक्ला

जानकारी के अनुसार स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला गोंडा व बलरामपुर जनपद में ब्राह्मण समुदाय का नेतृत्व करने वाले अग्रणी नेताओं में से एक थे ।


गोंडा बलरामपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में होने के नाते उनका वर्चस्व दोनों जनपदों में बरकरार था । 


बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला अपने बेबाक वाकपटुता तथा सरल व सौम्य स्वभाव के लिए आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं । 


7 जनवरी 1964 को जन्मे घनश्याम शुक्ला चार भाई बहनो में दूसरे नंबर पर थे । उनसे बड़ी एक बहन थी तथा एक भाई व एक बहन छोटी थी । 


उनके पिता स्वर्गीय चंद्रशेखर शुक्ला आर एस एस के वरिष्ठ प्रचारक एवं मध्यवर्गीय किसान परिवार से थे तथा उनकी माता श्याम राजी सौम्यता की प्रतिमूर्ति प्रबुद्ध ग्रहणी थी । 


स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद घनश्याम शुक्ला ने राजनीतिक कैरियर शुरू किया । बचपन में ही पिता की आकस्मिक मृत्यु के कारण घर की जिम्मेदारी भी उन्हें उठानी पड़ी । 


यही कारण था कि उनके घर का विकास काफी प्रभावित हो गया । परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए उन्होंने अपने सभी संबंधों को बरकरार रखते हुए मजबूती से मुकाबला किया । 


1991 में उन्होंने पहली बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुजेहना क्षेत्र से विधायक चुने गए । विधायक बनने के बाद स्वर्गीय शुक्ल ने गांव-गांव घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करने का जो सिलसिला शुरू किया वह उन्होंने अपने अंतिम क्षण तक बरकरार रखा । 


घर-घर पहचान होने के कारण ही वे सभी जाति व समुदाय में लोकप्रिय नेता माने जाने लगे थे । यही कारण था कि वह मुजेहना क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए। घनश्याम शुक्ला को 1991, 1993 तथा 2002 में विधायक चुना गया । 


2002 में ही उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व विभाग का राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था । उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार में स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला को राजस्व विभाग का राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया । 


उनके विरोधियों ने नकल करने का कई बार असफल प्रयास किया परंतु उन्हें शिकस्त नहीं दे पाए । घनश्याम शुक्ला की लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें 2004 के लोकसभा चुनाव के लिए गोंडा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया । 


लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन 26 अप्रैल 2004 को उनका रहस्यमय तरीके से उन्हीं के गाड़ी में मृत्यु हो गई । उनकी मौत को दुर्घटना करार दिया गया, परंतु क्षेत्रीय जनता ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया । 


मामले को तूल पकड़ता देख तत्कालीन सरकार ने जांच कराने का भी निर्देश दिया परंतु अंततः मौत के वास्तविक कारणों का पता आज तक रहस्य ही बना हुआ है । 


घनश्याम शुक्ला बाद उनके परिवार को भाजपा पार्टी द्वारा उचित सहयोग व सम्मान न मिलने के कारण घनश्याम शुक्ला की पत्नी नंदिता शुक्ला ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और समाजवादी पार्टी से ही हुए मुजेहना क्षेत्र से 2004 के मध्यावधि चुनाव में विधायक चुनी गई । 


नंदिता शुक्ला भी इसी क्षेत्र से 3 बार (2004, 2007, 2012) विधायक चुनी गई तथा चौथी बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा । 


स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला के आदर्शों पर आगे बढ़ते हुए उनके पुत्र राहुल शुक्ला भी अब अपने पिता की पहचान को बुलंदियों पर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है । विधानसभा मुजेहना ही वर्तमान समय में मेहनौन के नाम से नए परिसीमन में जाना जाता है । 


घनश्याम शुक्ला की याद में उनके समर्थकों द्वारा 7 जनवरी को अभिनंदन समारोह का आयोजन किया जाएगा । 


समर्थक पंडित रामानंद तिवारी ने जानकारी दी है कि तमाम शुभचिंतकों के इच्छा को ध्यान में रखते हुए 7 जनवरी को अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा । 


कार्यक्रम में घनश्याम शुक्ला को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ-साथ सहयोगियों को सम्मानित किए जाने का भी निश्चय किया गया है ।
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