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VITAMIN "C" हमारे शरीर के लिए क्यों है आवश्यक , कैसे लाता है त्वचा पर निखार

विटामिन C  एक प्रकार के कार्बनिक योगिक होते हैं।

विटामिन सी भोजन में उपस्थिति बहुत ही कम मात्रा में होती है , परंतु शारीरिक वृद्धि हेतु बहुत आवश्यक होते हैं। यह मुख्यता खट्टे वा कच्चे भोज पदार्थ में पाए जाते हैं ।


इन का रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक अम्ल जो  एक एंटीऑक्सीडेन्ट गुणों वाला शुगर एसिड होता है। 


यह देखने में ये श्वेत से हल्के पीले रंग का जल-घुलनशील चूर्ण या क्रिस्टल होता है।


एस्कॉर्बिक अम्ल के एक रूप को विटामिन सी के नाम से भी जाना जाता है। 


इसका अंग्रेज़ी नाम स्कर्वी नामक रोग के लैटिन भाषा के नाम स्कॉर्बिटस से निकला है। ये रोग विटामिन सी के अभाव में होता है   ।


क्या है इन के प्राकृतिक स्रोत 


यदि बात करें विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोतों की तो यह कच्चे व खट्टे फलों जैसे आंवला, अमरूद ,आम व ताजे रसीले फलों जैसे नीबू ,संतरा ,मोसंबी , नारंगी कमरक आदि  फलों में मुख्य रूप से पाए जाते हैं ।


यदि कुछ अन्य स्रोतों की बात करें तो यह दूध व मांस आदि में अल्प मात्रा में पाए जाते हैं इसके अलावा यह सभी रसदार फ़ल., टमाटर, कच्ची बंदगोभी, आलू, स्ट्रॉबेरी ,पालक ,मूली की पत्ती, ,पका पपीता ,अनन्नास तथा विभिन्न प्रकार के सागो में पाए जाते हैं। 


विटामिन "सी" का मानव शरीर में उपयोग 


यदि विटामिन सी हमारे शरीर में त्वचा से जुड़े विभिन्न कार्यों में जैसे घाव भरने आज में अति आवश्यक है  मुख्यत: इनके कार्य निम्न है।

  

विटामिन सी दांत अतिथियों व रक्त वाहिनी की दीवारों को स्वास्थ्य रखता है।

यह घाव भरने में भी सहायता करता है

विटामिन सी त्वचा संबंधी बीमारियां जैसे स्कर्वी रोग व अन्य चर्म रोग , रूखी त्वचा तथा शरीर पर लाल चकत्ते आदि से स्वस्थ रहने  के लिए अत्यावश्यक है।

  


विटामिन "सी" लोह पदार्थ के फैरिक को फेरस आयन में परिवर्तित करता है जिससे हमारी आंखों द्वारा वे रसायन का अवशोषण होता है। जो हमारे शरीर में होने वाली विभिन्न मेटाबोलिक क्रियाओं में अलग-अलग भाग लेता है।


विटामिन सी बच्चों में किस विटामिन की कमी से वॉच भाग में दर्द व श्वास लेने में परेशानी होती है।


विटामिन सी एड्रिनल ग्रंथि के हार्मोन के संश्लेषण में महत्वपूर्ण कार्य करता है।


यह विटामिन विभिन्न कोशिकाओं को जोड़ने वाला पदार्थ कोलेजन (collagen) नामक प्रोटीन के निर्माण में सहायक है जो शरीर के समस्त अंगों वह हड्डियों में पाया जाता है।


 इस विटामिन की हीनता से मनुष्य की हड्डियों को खोखली हो जाती है।



विटामिन सी लाल रक्त कणिकाओं वा हिमोग्लोबिन के निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य करता है इसके अतिरिक्त सर्दी जुखाम में भी फायदा करता है। 


कमी से होने उत्पन्न होने वाले विकार 


विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो जाता है। इसके अतिरिक्त मनुष्य का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाना , वृद्धि रुक जाना,  संक्रमण जल्दी लगना , घाव का ना भरना,  बालों का गिरना , त्वचा पर झुर्रियां, दातों का कमजोर होना व पायरिया नामक बीमारी होना तथा अन्य मेटाबोलिक क्रियाओं पर इसके दुष्प्रभाव पड़ते हैं जो इसके प्रमुख कमी से उत्पन्न होने वाले विकार है।

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