सुरेंद्र जायसवाल
अज़ान-खीरी। तहसील गोला क्षेत्र की ग्राम पंचायत अजान में दर्जनों बोक्सा जाति के परिवार पिछले 60 वर्षों से निवास करने के उपरांत भी प्रशासन उनकी जाति का प्रमाण पत्र नहीं दे पाया है।
इस कारण भारतीय नागरिक होने के बावजूद सरकार द्वारा मिलने वाली समस्त प्रकार की सुविधाओं से इस जाति के लोग वंचित इधर उधर भटकने को मजबूर है।
इस संबंध में कई बार दर्जनों बोक्सा परिवार के लोगों ने तहसील जाकर और अधिकारियों से जाति प्रमाणपत्र बनवाए जाने की मांग कर चुके हैं लेकिन संतोषजनक जबाव न मिलने से क्षुब्ध दर्जनों महिलाओं एवं पुरुषों ने प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतने को मजबूर है।
मालूम हो कि बोक्सा जनजाति जाति के तमाम परिवार स्थाई रूप से कस्बा अजान में रहकर मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का जीवन यापन करा रहे हैं।
किंतु आज तक उनकी जाति का निर्धारण प्रशासन आज तक नहीं कर पाया है। जबकि पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर में रहने वाले महावत परिवारों को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं।
बीते कई सालो से परिवार के सदस्य प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी जाती निर्धारित नहीं की गई है।
जिसके चलते बोक्सा जनजाति परिवार के लोगों को समस्त सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
यहीं नहीं जाति प्रमाण पत्र न होने से बच्चे भी शिक्षा ग्रहण नही कर पा रहे हैं। कई लोग शिक्षित भी है पर जाति प्रमाण पत्र न होने के कारण सरकारी भर्तियों में फॉर्म डालने से वंचित रह गए हैं।
अजान गांव में बोक्सा जनजाति समाज में शिक्षित व्यक्ति रवीन्द्र कुमार बोक्सा उर्फ पवन कुमार, मातादीन, विजय चंद्र, जय प्रकाश सहित तमाम युवा शिक्षित है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ