सुनील उपाध्याय
बस्ती।जिले के दुबौलिया विकासखंड के विशेश्वरगंज बाजार में चल रहे श्री राम कथा कथा के चौथे दिवस में कथा वाचिका देवी कनकेश्वरी जी ने श्री राम कथा के अंतर्गत श्री राम जन्म के पांच कारणों में से दो कारणों को सुनाया जिसमें प्रथम कारण जय और विजय को सनत कुमारों द्वारा श्राप लगा, देवी जी ने बताया कि सनत कुमारों को जय और विजय ने भगवान के दर्शन से रोका था इसी कारण कुपित होकर के उन्हें राक्षस होने का शाप मिला।
जय और विजय सर्वप्रथम हिरण्यकश्यपु और हिरण्याक्ष बने और उसके बाद वह दोनों रावण और कुंभकरण बने, जिनका रामावतार में भगवान जी ने उनका कल्याण किया उसके बाद वही दोनों भाई जय विजय दंत वक्त और शिशुपाल बने जो कृष्णावतार में उनका उद्धार भगवान ने किया कथावाचक ने बताया कि 1 जन्म में अगर ब्राह्मण शाप देता है तो उसे 3 जन्मों तक झेलना पड़ता है जिसके कारण जय और विजय को तीन बार दैत्य शरीर को प्राप्त होना पड़ा और भगवान उनका उद्धार किए ।
आगे कथा में यह भी श्रवण कराया गया कि श्री राम जी के अवतार का जो दूसरा कारण है कि जलंधर नामक दैत्य के वध के बाद उसकी पत्नी वृंदा ने भगवान को पत्थर बनने का श्राप दिया और साथ ही साथ वही जालंधर किसी अन्य कल्प में जब रावण बना तो राम बनकर के भगवान ने उसका उद्धार किया।
इस मौके पर बलवंत प्रताप सिंह राजेश सिंह अमन सिंह राजवंत प्रताप सिंह रामबाबू सोनी हैप्पीसोनी कार्तिकगुप्ता डब्लू सोनी शैलेश गुप्ता पिंटू गुप्ता गिरीश चंद आदि लोग मौजूद रहे।
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