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प्रतापगढ़:जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की समीक्षा की



विनोद कुमार 

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय के सभागार में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि केन्द्र पुरोनिधानित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार द्वारा 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि हेतु लागू की गयी है, योजना में कुल परिव्यय का 60 प्रतिशत केन्द्रोश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश है। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला लाभार्थियां को 60 प्रतिशत तथा अन्य लाभार्थियों को 40 प्रतिशत अनुदान देय है। 


अनुदान के अतिरिक्त परियोजना की शेष धनराशि लाभार्थी अंश है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अन्तर्गत विभिन्न परियोजनायें क्रमशः निजी भूमि में तालाब निर्माण एवं निवेश, बायोफलॉक निर्माण संवर्धन प्रथम वर्ष निवेश सहित, मत्स्य बीज हैचरी निर्माण, थ्री व्हीलर विद आईस बाक्स, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, साइकिल विद आईस बॉक्स, वृहद मत्स्य आहार मिल, बैकयार्ड रीसिस्टम सर्कुलेटरी, लघु री-सर्कुलेटरी सिस्टम आदि संचालित है। 


प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत विभागीय पोर्टल पर 01 जुलाई से 30 सितम्बर तक विभिन्न परियोजना हेतु मण्डलीय कार्यालय से कुल 92 आवेदन पत्र स्वीकृति तथा आवेदन पत्रों में विभिन्न कमियों के कारण 503 आवेदन पत्र वापस किये गये है। 


जिलाधिकारी ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य विकास कुमार दीपांकर को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत जो भी आवेदन पत्र वापस किये गये है उनका दुबारा सत्यापन कराकर योजना का लाभ लाभार्थियों को दिया जाये। 


उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मत्स्य पालकों को प्रधामनंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ अधिक से अधिक दिया जाये जिससे उन्हें आर्थिक दृष्टि से समृद्ध किया जा सके, इसलिये इसका सफल क्रियान्वयन करें और प्रचार प्रसार करायें, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं उदासीनता कदापि न बरती जाये। 


बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, परियोजना निदेशक डीआरडीए आर0सी0. शर्मा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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