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भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह का उत्खनन करने पहुंची पुरातत्व टीम



उमेश तिवारी

उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित महराजगंज जिले में भगवान बुद्ध से जुड़े कई गौरवशाली व ऐतिहसिक धरोहर है। जिनका स्वर्णिम इतिहास अभी सामने नहीं आया है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री व सांसद पंकज चौधरी की पहल के बाद भारत सरकार के निर्देश पर पुरातत्व विभाग की टीम भगवान बुद्ध से जुड़े स्वर्णिम इतिहास को खोजने के लिए लक्ष्मीपुर क्षेत्र के देवदह पहुंच गई है। देवदह के बारे में मान्यता है कि यही भगवान बुद्ध का ननिहाल है। खुदाई के बाद देवदह का गौरवशाली अतीत लोगों के सामने आएगा। पूरी उम्मीद है कि उत्खनन के कई ऐतिहसिक तथ्य सामने आएंगे जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय फलक पर देवदह रोशन होगा।


पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा का उपदेश देने वाले भगवान बुद्ध से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थल जाल में है। ठूठीबारी से उज्जैनी तक का क्षेत्र बौद्धकालीन इतिहास के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। यहां देवदह,रामग्राम,कुंवरवर्ती स्तूप है लेकिन इन्हें अभी तक चिन्हित नहीं किया गया था। इतिहासकार इस बात से एकमत हैं कि ये सभी स्थल महराजगंज में ही हैं। इन्हीं में से एक भगवान बुद्ध का ननिहाल देवदह है। वर्तमान में यह नौतनवां तहसील के बनर्सिहा कला और बनर्सिहा खुर्द में विभक्त है। 


वर्ष 1978 में पुरातत्व विभाग ने यहां 88.8 एकड़ भूमि संरक्षित कर किसी भी प्रकार के निर्माण और खनन पर रोक लगा दी थी। भारत सरकार के पहल पर पुरातत्व विभाग की टीम अपने पूरे साजो सामान के साथ देवदह पहुंच चुकी है। 


देवदह के राजमहल,स्तूप जलाशयों के उत्खनन से मिलेगी पहचान


लक्ष्मीपुर के बनर्सिहा खुर्द में देवदह का उत्खनन करने के लिए पुरातत्व व उत्खनन विभाग की टीम सर्वे कर चुकी है। आज से देवदह के राजमहल,स्तूप और जलाशय आदि के उत्खनन की उम्मीद है। उत्खनन में बुद्ध से जुड़े साक्ष्य मिलने के बाद संभव है कुशीनगर और लुंबिनी के तर्ज पर  देवदह का विकास दिखेगा। बीते जनवरी व फरवरी माह में दोवदह में राज्य उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी राम विनय,सहायक पुरातत्व अधिकारी डा0 कृष्ण मोहन दूबे व डीएम सत्येंद्र कुमार बनर्सिहा का जायजा ले चुके हैं। उत्खनन के बाद देवदह के अस्तित्व में आते ही विश्व पटल पर दिखने लगेगा।

इस संबंध में राज्य उत्खनन और अन्वेषण अधिकारी राम विनय ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अन्वेषण और उत्खनन अनुभाग भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद पुरातत्व और उत्खनन विभाग की टीम देवदह पहुंच चुकी है। जल्द ही खुदाई शुरू कराई जाएगी। खुदाई के दौरान मिले सामान की जांच पड़ताल होगी। 

देवदह बौद्ध विकास समिति के अध्यक्ष जीतेन्द्र राव ने कहा कि उत्खनन करने पुरातत्व विभाग की टीम आ चुकी है। अभी फिलहाल खुदाई नहीं शुरू हुई। टीम के सदस्यों ने कैंप लगाकर डेरा डाल दिया है आशा है कि शीघ्र खुदाई शुरू हो जाएगी।

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