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टिकरी वन क्षेत्र में हरियाली पर चलता है आरा



पं श्याम त्रिपाठी 

नवाबगंज (गोण्डा)जहां शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधि समाजसेवी संस्थाओं द्वारा पर्यावरण को लेकर जागरूकता अभियान चला कर लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक कर करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है ,


वही टिकरी वन विभाग के मिली भगत से प्रति दिन जंगल किनारे बसे  हरे पेड़ों पर वन माफिया आरा लगातार चला रहे है।


  टिकरी रेंज के जंगल किनारे बसे  ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनो वन माफिया द्वारा 10पेड का वन विभाग से परमिट बनवा कर उक्त परमिट पर वन विभाग व पुलिस विभाग के मिली भगत 40पेडो का अवैद्य रुप से हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई लगातार जारी है। 


लकड़ी माफिया लिदेहना देवीनगर करौदी महादेवा सतिया सहित जंगल किनारे बसे मनकापुर मसकनवां के इलाकों में लकड़ी माफिया तेजी से किमती पेड़ों पर आरियां चलाकर लकड़ियों से मोटी रकम कमा रहे हैं। 



तो दूसरी तरफ जंगलों को व्यापक स्तर में क्षति पहुंचा रहे है। लकड़ी तस्करों के हावी होने पर इसका  खामियाजा लकड़ी जंगल व वन्य जीव, प्रकृति उठाना पड़ रहा है। इसकी भनक वन अमला को भी है। 



परंतु विभागीय जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ आंख मूंद कर बैठे हुए है।सूचना के बाद भी संबंधित विभाग के जिम्मेदार कार्यवाही से कतराते है।


 बानगी के तौर पर बीते शुक्रवार को देखने को मिला वन क्षेत्र रामगढ़ रेंज टिकरी क्षेत्र के भरहूँ गांव में माफियों द्वारा सागौन के हरे पेड़ काट कर धराशायी कर दिए गए जिसके शिकायत वन विभाग के उच्च अधिकारियों को तुरंत दी गयी सूचना के घंटो बाद पहुँच कर लकड़ी लदी पिकअप जिसके कोई वैध कागजात न होने पर भी गाड़ी को छोड़ दिया गया।



इसी क्रम में चौबेपुर गांव वन माफिया द्वारा55हरे वृक्ष का अवैद्य रुप से कटान किया गया।क्षेत्र के अधियारी बाजार के थानपुरवा में दो दिन दिन पूर्व 45पेडो को विना परमिट के काट लिया गया।अवैद्य रुप के कटान के पूर्व वन विभाग व पुलिस को बकायादा वन माफिया द्वारा 500रुपया वन विभाग व 300रुपया प्रति पेड के हिसाब से लाइन देकर कटान किया जाता है।



कभी कभार वन प्रभागीय अधिकारी व वन संक्षक देवी पाटन मंडल से शिकायत होने पर दो-चार पेडो पर जुर्माना व 410का मामला दर्ज़ कर इतिश्री कर लेते है।  लकड़ी माफियो से वन विभाग और स्थानीय पुलिस की साठ गांठ होती है धड़ले  से ग्रामीण क्षेत्र और जंगल की बेशकीमती लकड़ी काटी जा रही है।



विभाग द्वरा ठोस कार्रवाई नहीं होने से पूरे जिले भर में लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। दशकों पुराने पेड़ों की कटाई कर लकड़ी तस्कर आरा मील व ईंट भट्ठों में बेचकर मालामाल हो रहे हैं। आरा मशीन संचालक भी तस्करों से पूरा लाभ उठा रहे हैं। वो भी इन लकडियों को और महंगे दर पर बेचकर खजाना भर रहे हैं। 



वही इन तस्करों के कारण मैदानी हरियाली खत्म हो रही है, पर्यावरण संतुलन भी बिगड़ रहा है। इसमें प्रशासन की कोई रोक-टोक नहीं होने के कारण अवैध कटाई करने वालों के हौसले बुलंद हैं।वही इस वाबत जब वन क्षेत्राधिकारी टिकरी विनोद नायक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जहां से शिकायत आती है वहां टीम को भेजा कर कड़ी क कार्यवाही की जाती है जंगल की कीमती सहित सभी प्रकार से सुरक्षा की जा रही है ।



वही वन प्रगीय अधिकारी पंकज शुक्ला ने कहा कि मामला संज्ञान में ही नही है फिर भी दिखवा रहा हूं। नवाबगंज मनकापुर व मसकनवा तक फैले इस जंगल के किनारे करीब करीब हर गांव में छोटे बड़े लकड़ी माफिया सक्रिय हैं और दिन रात तेजी से लकड़ी का कटान कर वनविभाग को चूना लगा रहे आम जनमानस वनविभाग की लापरवाही मिली भगत का आरोप लगा रहा है।

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