वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़: विशिष्ट गांधीवादी तरीके से ग्रामीण संगठन और आन्दोलन खड़ा करने की जो शुरुआत अवध किसान सभा में हुई थी वही तरीका बारडोली सत्याग्रह में अपनाया गया।हजारों साल पुराने शास्त्रों तथा पुराणों में भी ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को महत्व दिया गया है जिसका अर्थ है “विश्व एक परिवार है”। राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता की भावना को व्यवहार में लाने के लिए 31अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।इस दिन भारत रत्न, स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले गृहमंत्री सरदार बल्लभभाई पटेल का जन्म हुआ था। स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारक आचार्य नरेन्द्र देव जयंती और साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के बलिदान की स्मृतियों को पुष्पांजलि अर्पित की गई!
यह विचार विशिष्ट बीटीसी शिक्षक (वे०) एसोसिएशन जिलाध्यक्ष डा० विनोद त्रिपाठी ने संविलित उच्च प्राथमिक विद्यालय, कांपा मधुपुर, बाबा बेलखरनाथ धाम में आयोजित सरदार पटेल जन्म जयंती के दौरान ब्यक्त किया। प्रावि हेडमास्टर डा० विनोद त्रिपाठी ने कहा कि ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल जी का देश को सबसे अविस्मरणीय योगदान काश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत निर्माण हैं! आजादी के समय 562 रियासतों को एकजुट करके एक भारत संघ का रूप दिया! भारत वर्ष जो बहु-धर्मीय, बहु-सांस्कृतिक, ग्रामीण और नगरीय दोनों ही आपसी सौहार्द और सदभाव से रहते हैं। हमारा भारत अनेकता में एकता का सटीक उदाहरण है। विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या और सबसे बड़ा लोकतंत्र भी भारत संघ ही है।राज्य स्तर पर पुरस्कृत विज्ञान शिक्षक मो०शोएब ने बच्चों सहित शिक्षकों को सामूहिक शपथग्रहण कराया। जयन्ती कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शिक्षक देवानन्द मिश्र ने कहा कि सरदार पटेल जी आधुनिक भारत के निर्माता और संघ एकताकार थे। सरदार पटेल जयंती, आचार्य नरेंद्र देव जयंती और इंदिरा गांधी बलिदान दिवस पर विचार गोष्ठी हुई! जिसके पहले कम्पोजिट विद्यालय के बच्चों की प्रभात फेरी, भारत माता की जय और सरदार पटेल अमर रहे के नारों , बैनर और तिरंगे झंडे के साथ निकाली गई! इस दौरान विद्यालय की शिक्षिकाओं में श्रीमती नीतू सिंह ,श्वेता मिश्रा, सुरुचि सिंह, विनीता मिश्रा, अर्चना यादव, संजीव दुबे और विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष एवं सदस्य भी मौजूद रहे।


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