अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 1 अप्रैल को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में कक्षा-3 एवं 4 के छात्र-छात्राओं को संगीत अध्यापक हर्षित यादव के संरक्षता में हारमोनियम व कैशियो के स्वरो तथा की-बोर्डं के भाग के बारे में विस्तृत जानकारी दिया। संगीत अध्यापक हर्षित यादव ने सभी छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हारमोनियम में हवा के प्रवाह से कंपन उत्पन्न होता है जिससे स्वर की उत्पत्ति होती है। हारमोनियम में हवा का प्रवाह कराने के लिए हाथ तथा पैर का उपयोग किया जाता है। अपने देश में ज्यादातर हारमोनियम में धौंकनी का इस्तेमाल होता है जिससे हाथ के द्वारा धौंकनी को निरंतर आगे-पीछे करते रहने से हवा का प्रवाह होता है। की-बोर्ड को चाबी अथवा कुंजी कहा जाता है।
हारमोनियम पर इसे दबाने से स्वर की उत्पत्ति होती है। ये सफेद तथा काले रंग के होते है। जिन्हें हम लोग संगीत के सातो स्वर ‘‘सा, रे, ग, म, प, ध, नी‘‘ के नाम से जानते है। ऊपर के सात स्वरों के समूह को सप्तक कहा जाता है। हारमोनियम में तीन सप्तक होते है, ‘मंद, मध्य तथा तार सप्तक‘‘ तथा इन तीनो सप्तकों से मिलकर हारमोनियम का एक की-बोर्ड होता है। गायक अथवा वादक हारमोनियम बजाते समय ज्यादातर ‘मध्य सप्तक‘ का उपयोग करते है। साथ ही संगीत अध्यापक ने हारमोनियम में शुद्ध, कोमल तथा तीव्र स्वर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शुद्ध स्वर-साधारणतयः संगीत क सातो स्वर को ही शुद्ध स्वर कहा जाता है। कोमल स्वर-सरल भाषा में हारमोनियम के काले की-बोर्ड को कोमल स्वर कहा जाता है। तीव्र स्वर-सातों सुरों या स्वरों में केवल ‘म‘ स्वर तीव्र होता है आदि की जानकारी प्राप्त कर बच्चों मे बहुत उत्साह दिखा। इस अवसर पर अमन पाण्डेय, कार्तिकेय सिंह, श्रृष्टि शुक्ला, सोमनाथ यादव, प्रथमेश तिवारी, विराट मिश्रा, श्लोक मिश्रा, वर्णित सिंह, अनन्या पाण्डेय, सिदरा प्रवीन, आदित्य शुक्ला, सिद्ध त्रिपाठी तथा अफसा ने बढ-चढ़ कर प्रतिभाग किया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने सभी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि गीत वाद्ययंत्र सीखने का सबसे अच्छा लाभ यह है कि वाद्ययंत्र बजाने से बुद्धि बढ़ती है, मस्तिष्क पर संगीत वाद्ययंत्र बजाने का अन्य लाभ मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में वृद्धि है, जब आप केवल सुनने के बजाय संगीत बजाते है तो यह अनुभव और भी बेहतर हो जाता है। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय सहित संगीत अध्यापक हर्षित यादव उपस्थित रहे।
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