पं. बागीश कुमार तिवारी
उत्तर प्रदेश! चुनाव का बिगुल बजते ही हेलीकॉप्टर की मांग बढ़ गई जिससे, हेलीकॉप्टर रखने वाली निजी कंपनियां भी चूकते नजर नहीं आ रही है, और किराए में बढ़ोतरी करते हुए काफ़ी इजाफा किया है।
लोकसभा 2024 का चुनाव सान्निकट है। अपने अपने प्रचार के लिए पार्टियां जोर-शोर से जुट गईं हैं।
और लीडिंग प्रचार प्रसार व्यवस्था के लिए बड़े-बड़े नेताओं को मैदान में उतारते हुए मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने में कोई कोर कसर छोड़ते नहीं नजर आ रही है।जिसके क्रम में अत्यधिक संसाधनों के साथ हेलीकॉप्टर की मांग बढ़ गई है। विभिन्न पार्टियों द्वारा अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में जनता के बीच उतारने के लिए चार्टर्ड प्लेन सहित हेलीकॉप्टर के प्रयोग करने से आम दिनों की अपेक्षा हेलिकॉप्टर और चार्टर्ड विमान की मांग लगभग 40 फीसदी बढ़ गई है। जिससे प्लेन सहित हेलीकॉप्टर के किराए में काफ़ी इजाफा हुआ है। चुनाव के दरमियान बढ़े किराए की वजह से एक्सपर्ट्स की माने तो इससे निजी विमान और हेलिकॉप्टर संचालकों को 15-20 प्रतिशत अधिक कमाई होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार चार्टर्ड सेवाओं के लिए प्रति घंटा एक विमान लेने पर शुल्क लगभग 4.5 – 5.25 लाख रुपये और दो इंजन वाले हेलिकॉप्टर के लिए लगभग 1.5- 1.7 लाख रुपये प्रति घंटे तक हो गया है। तथा फिक्स्ड विंग विमान और हेलिकॉप्टर की उपलब्धता भी मांग के मुकाबले कम दिख रही है। जिससे कुछ परिचालक दूसरे कंपनी से विमान और हेलिकॉप्टर चालक दल के साथ लेने की भी इच्छा जता रहे हैं।
इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक “आमतौर पर एकल इंजन वाले हेलिकॉप्टरों के लिए प्रति घंटा दर लगभग 80,000 से 90,000 रुपये है। तथा दो इंजन वाले हेलिकॉप्टर के लिए यही लगभग 1.5 से 1.7 लाख रुपये होती है। लेकिन चुनाव के दरमियान एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर के लिए अब यह दर 1.5 लाख रुपये और दो इंजन वाले हेलिकाप्टर के लिए 3.5 लाख रुपये तक लग रही है। तथा सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर में पायलट सहित कुल सात लोगों के बैठने की क्षमता होती है। जबकि डबल इंजन वाले हेलिकॉप्टर में 12 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। वन्हीं चार्टर्ड विमान के लिए किराया चुनाव के दरमियान 4.5 लाख रुपये से 5.25 लाख रुपये प्रति घंटे होने की बात कही जा रही है। बहरहाल चुनावी सीजन में कंपनियां भी किराए को लेकर मौका अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती हैं।जिससे निजी कंपनियों को इन नेताओं से काफी कुछ उम्मीद नजर आ रही है।
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