अर्पित सिंह
गोंडा:जिले की सामाजिक संस्था इंकलाब फाउंडेशन के अध्यक्ष अविनाश सिंह ने शुक्रवार को प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने की मांग की है ।
अविनाश सिंह ने कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा नाजायज और मनमाने ढंग से प्रत्येक सत्र एडमिशन फीस लेने , प्रत्येक सत्र पुस्तकें बदल कर मनमाने प्रकाशक / दुकानों की पुस्तकें कई गुना मूल्य पर लेने व ड्रेस बदल कर मनमाने दुकान से कई गुना मूल्य पर क्रय करने के लिए अभिवावकों को बाध्य करने के लिए व उत्पीड़न को रोकने व उचित दंडात्मक कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है। प्रत्येक अभिवावक अपने बच्चों को उचित व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहता है जिसके लिए वह अपने सामर्थ्य से ज्यादा करने का प्रयास करता है ताकि उसके बच्चें भविष्य में योग्य नागरिक बन सके व राष्ट्रहित के साथ साथ अपने कर्तव्य का पालन करें कुछ निजी विद्यालय तो उचित फीस में बढ़िया शिक्षा प्रदान करते हैं परन्तु अधिकांश निजी विद्यालयों का उद्देश्य शिक्षा की आड़ में अभिवावकों का शोषण व आर्थिक दोहन करना हो गया है व मनमाने कृत्यों को देखकर लगता है कि उन पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है वो प्रत्येक सत्र में मनमानी फीस वृद्धि करते हैं और प्रत्येक सत्र पुराने बच्चों से भी एडमिशन फीस लेते हैं , साथ ही प्रत्येक सत्र मनमाने प्रकाशकों से सांठ गांठ कर व आर्थिक लाभ लेकर पुस्तकों को बदल कर कई गुना अधिक मूल्य पर लेने के लिए बाध्य करते हैं और ड्रेस भी बदलकर मनमाने दुकान से मिलीभगत कर कई गुना मूल्य पर लेने के लिए बाध्य करते हैं उदाहरण के तौर पर जिले के विद्यालय सेंट जेवियर्स सीनियर सेकंडरी स्कूल, पंत नगर , गोंडा जहां लगभग 5000 बच्चें पढ़ते हैं द्वारा इस सत्र मनमाने तरीके से संपूर्ण ड्रेस , जूता आदि बदल दिया गया और किडी गारमेंट नाम के दुकान को अपने ही विद्यालय के सामने खुलवाकर बेचा जा रहा है जो ड्रेस व जूता आदि कई गुना ज्यादा मूल्य पर बिक्री कर रहा है।
यहां सबसे बड़ी बात ये है कि इस दुकानदार द्वारा मांगने पर भी किसी विक्रय की गई वस्तु का पक्का बिल नहीं दे रहा है जिससे स्पष्ट है कि इसके द्वारा विद्यालय की शह पर GST व इनकम टैक्स आदि की चोरी करके सरकार को भी लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है यहां यह जांच करना कि उस दुकानदार द्वारा किस जगह से कितने मूल्य का कच्चा / पक्का माल खरीदा और उस पर कितने प्रतिशत लाभ लेकर विक्रय किया जा रहा है और कितना टैक्स सरकार को अदा किया जा रहा है ये सब जिले के जिम्मेदार अधिकारियों व वाणिज्य कर अधिकारियों के नाक के नीचे खेल हो रहा है तो उनका दायित्व है कि वो अभिवावकों का नाजायज उत्पीड़न रोकें और सरकार के नियमों के विरुद्ध कार्य करने वालों पर दंडात्मक कार्यवाही करें कोई कार्यवाही नहीं होने से ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं और इनपर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है क्यों कि ये प्रत्येक नए सत्र में कुछ दिनों में ही अपना मनमाना कृत्य कर अभिवावकों का दोहन के साथ साथ सरकार को करचोरी के रुप में चूना लगाकर भाग जाते हैं। आप एक न्यायप्रिय और कुशल प्रशासक हैं हमारी सारी आशाएं आप पर ही है निजी विद्यालयों के व उनके चहेते प्रकाशकों , दुकानदारों आदि जो अभिवावकों का नाजायज उत्पीड़न व आर्थिक दोहन कर रहे हैं और सरकार को भी करचोरी ( GST , इनकम टैक्स आदि ) के रूप क्षति पहुंचा रहे हैं, उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग की है पत्र भेजने वालों में परसपुर विकास मंच के अध्यक्ष डॉ अरुण सिंह, अजेय विक्रम सिंह, जितेंद्र सिंह, अभिषेक, अनिल आदि लोग है ।
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