पिता पुत्र ने मिलकर डॉक्टर से की 77 लाख की ठगी, बेटे का इलाज कराने का एहसान जताते हुए प्लांट के नाम पर धोखा | CRIME JUNCTION पिता पुत्र ने मिलकर डॉक्टर से की 77 लाख की ठगी, बेटे का इलाज कराने का एहसान जताते हुए प्लांट के नाम पर धोखा
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पिता पुत्र ने मिलकर डॉक्टर से की 77 लाख की ठगी, बेटे का इलाज कराने का एहसान जताते हुए प्लांट के नाम पर धोखा

लखनऊ में एक डॉक्टर से मरीज के पिता पुत्र ने मिलकर प्लाट दिलाने के नाम से 75 लाख रुपए की ठगी कर ली। रुपए की वापस मांग करने पर पिता पुत्र ने धमकी देते हुए कहा कि ज्यादा करोगे तो अस्पताल फूंक दूंगा, पढ़िए हैरानी भरा मामला 

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पीजीआई इलाके में हैरान करने वाला ठगी का मामला देखने को मिला है। बेटे का इलाज करवाने के लिए आए पिता ने वरिष्ठ चिकित्सक से 75 लाख 25 रुपए की ठगी कर ली। मामले में चिकित्सक ने आरोपी पिता पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। 


प्राप्त जानकारी के मुताबिक लखनऊ के तेलीबाग चौराहा के सैनिक नगर स्थित स्पर्श चिल्ड्रन हस्पिटल एण्ड होम्योपैथिक सेन्टर व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अखिलेश पाण्डेय के अस्पताल में वर्ष 2024 के सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में हिमांशु द्विवेदी उर्फ अंकित अपने मासूम बेटे अथर्व द्विवेदी को इलाज करवाने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। इसी दौरान हिमांशु ने अपने पिता संतोष द्विवेदी से मिलकर ठगी की नींव रख दी।


वेटिंग लिस्ट से हुई शुरुआत 

दरअसल, हिमांशु अपने बेटे का इलाज करवाने के लिए जब अस्पताल पहुंचा, तब वहां मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। उसे सीरियल नंबर के जरिए डॉक्टर तक पहुंचने में 1 घंटे लग गए। बस यहीं से खुशामद करते हुए डॉक्टर को झांसे में ले लिया । हिमांशु ने डॉक्टर से बात करते हुए कहा कि आपके मरीजों के हिसाब से आपका अस्पताल बहुत छोटा पड़ रहा है। जिसका जवाब देते हुए डॉक्टर ने बगल में शुक्ला जी की जमीन मिलने पर अस्पताल के विस्तार होने की बात कही।


शुक्ला को बता दिया रिश्तेदार 

2 दिन बाद हिमांशु अपने बेटे को दिखाने के लिए फिर अस्पताल पहुंचा था, लेकिन उससे पहले ही शुक्ला जी का पूरा बैकग्राउंड तलाश लिया, उसने डॉक्टर से बताया कि शुक्ला जी उसके रिश्तेदार हैं, शुक्ला की बुआ रिश्तेदारी में आती है। शुक्ला के बेटे के काम और उनके हुआ को बतरांवा में विवाहित बताते हुए डॉक्टर का विश्वास जीत लिया।


5 दिन बाद जमीन का एडवांस

डॉक्टर से मिलने के लिए आरोपी 5 दिन बाद वापस पहुंच गया, उसने एडवांस के रूप में रुपए की मांग की। डॉक्टर का भरोसा पहले ही जीत लिया था, डॉक्टर ने अपनी पत्नी के खाते से आरटीजीएस के जरिए हिमांशु द्विवेदी के खाते में 3.5 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया। 


एडवांस मनी वापस 

10 दिन बाद हिमांशु ने डॉक्टर से एडवांस के रूप में लिए गए रकम को वापस करते हुए कहा कि शुक्ला जी से बात नहीं बन पा रही है। जब बात बन जाएगी तब रुपए वापस ले लूंगा। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, इसके आगे बहुत बड़ा धोखा हुआ।


आपको नहीं मिलेगी जमीन 

कुछ दिनों बाद हिमांशु डॉक्टर से वापस मिल कर कहा कि शुक्ला जी से प्लांट के संबंध में बात हुई है, वह प्लाट बेचने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए इस तरह से काम करना पड़ेगा कि, प्लांट आपको मिल जाए। डॉक्टर से अपने पिता संतोष के फर्म के खाते शशांक इंटरप्राइजेज में पैसे की मांग करते हुए कहा कि उस प्लाट की रजिस्ट्री अपने नाम करवा कर हम आपके नाम कर देंगे। डॉक्टर के एहसान को गिनाते हुए कहा कि आपने मेरे बेटे की जान बचाई है, आपके लिए मेरा यह सब करना बनता है। डॉक्टर को बताया कि वर्ष 2024 के 7 अक्टूबर को शुक्ला ने मिलने की बात कही है, बातचीत के दौरान बात बन जाती है तो कुछ बायना दे देंगे।


मोटी रकम की शुरुआत 

28 अक्टूबर को अस्पताल और पत्नी के खाते से हिमांशु और उसके पिता संतोष के फर्म के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया गया। 11 नवंबर को दस लाख रुपए फिर ट्रांसफर हुए।

   

मैसेज का दिया साक्ष्य

डॉक्टर को विश्वास दिलाने के लिए हिमांशु ने आरटीजीएस से संबंधित एक मैसेज डॉक्टर को फॉरवर्ड किया जो यह दर्शा रहा था कि 15 लाख रुपए शुक्ला जी को आरटीजीएस के जरिए दिया गया है। इसके बाद डॉक्टर से रुपए लेने का सिलसिला कुछ यूं शुरू हुआ कि अलग-अलग दिवस में लाखों रुपए ट्रांसफर करवा लिए गए। हर बार व्हाट्सएप के जरिए डॉक्टर को रुपए भेजे जाने का मैसेज फॉरवर्ड किया जाने लगा। इतना ही नहीं अत्यधिक विश्वास जीतने के लिए हिमांशु ने ₹100 का स्टांप पेपर लेकर डॉक्टर को एग्रीमेंट दिखाया, कि भुगतान पूरा होते ही प्लाट की रजिस्ट्री करा ली जाएगी।


डॉक्टर के पैरों तले आया भूकंप 

आरोपी हिमांशु ने डॉक्टर को बताया कि प्लांट पर लोन है, अभी शुक्ला जी का बेटा बाहर है दिसंबर के अंतिम सप्ताह में लोन क्लियर हो जाएगा। इसके बाद जनवरी तक रजिस्ट्री हो जाएगी। तब डॉक्टर को हिमांशु पर शक होने लगा, उसके द्वारा भेजे गए सभी मैसेज का पड़ताल शुरू किया। वास्तविकता सामने आई तो डॉक्टर की आंखें फटी की फटी रह गई। पता चला कि भेजे गए सारे मैसेज फर्जी है। जिस बैंक का आईएफएससी कोड डाला गया है, ऐसा कोई बैंक अस्तित्व में ही नहीं है। उससे भी बड़ी बात यह पता चली कि लाखों रुपए ट्रांसफर करने के बाद शुक्ला जी को कोई रकम मिला ही नहीं है।


धोखे में धोखा 

डॉक्टर का आरोप है कि पिता और पुत्र को मिलाकर उन्होंने 34 लाख 75 000 और 4050000 रुपया ट्रांसफर किया है, जिसको वापस मांगने पर चेक दिया गया, जिसे 21 जनवरी को बैंक में लगाने के लिए कहा गया था। जिसे बैंक ने रद्द कर दिया, बैंक ने बताया कि गलत हस्ताक्षर बने हुए हैं। 10 फरवरी को दूसरा चेक दिया गया, जिसे भी बैंक ने गलत करार दे दिया।


अस्पताल फूंकने की धमकी 

डॉक्टर का आरोप है कि हिमांशु द्विवेदी से रुपए की मांग की गई तो जान से मार देने की धमकी देते हुए कहा कि पैसों के चक्कर में ज्यादा पड़ोगे तो बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा। पूरे परिवार को जिसका अंजाम भुगतना पड़ेगा, अस्पताल पर पत्थर चलवा कर आग लगवा दूंगा।


बोले इंस्पेक्टर 

पीजीआई थाना प्रभारी धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी पिता पुत्र के खिलाफ डॉक्टर के शिकायती पत्र पर मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया गया है।


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