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रिश्वत लेते हुए दरोगा शैलेंद्र सिंह गिरफ्तार, गाड़ी छोड़ने के लिए मांगी थी रिश्वत

सुल्तानपुर के करौंदी कला में तैनात दरोगा गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम अयोध्या इकाई ने दबोचा, गाड़ी छोड़ने के लिए मांगी थी रिश्वत, 10000 रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार। 



उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में अयोध्या एंटी करप्शन टीम ने कार्यवाही करते हुए दरोगा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया, जिससे पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है। टीम आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के कार्रवाई में जुटी हुई है। 


प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार को सुबह एंटी करप्शन टीम की अयोध्या इकाई ने करौंदी कला थाना में तैनात उप निरीक्षक शैलेंद्र प्रताप सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उप निरीक्षक के गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग में खलबली मच गई। 


गाड़ी छोड़ने के लिए मांगी थी रिश्वत 

एंटी करप्शन टीम से मिली जानकारी के मुताबिक एक महीने पहले जौनपुर जनपद अंतर्गत सरपतहा थाना क्षेत्र के ईसापुर गांव के रहने वाले अजय प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह की गाड़ी से करौंदीकला थाना क्षेत्र में दुर्घटना के बाद पुलिस टीम के द्वारा उसे थाने में खींच लिया गया था। पुलिस के गाड़ी खड़ी करवाने के बाद गाड़ी को पुनः वापस पाने के लिए वाहन स्वामी ने अदालत में अर्जी दी थी। मामले को संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने गाड़ी के बाबत पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। दुर्घटना की विवेचना कर रहे उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने गाड़ी से संबंधित कागज अदालत में भेजने के लिए दस हजार रुपए रिश्वत की मांग कर दी। साफ शब्दों में उप निरीक्षक ने कह दिया कि रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए हर हाल में रुपए देने होंगे। यही नहीं, उप निरीक्षक ने यह भी कहा कि 10000 रुपए आपके लिए कोई बड़ी रकम नहीं है। 


गोपनीय जांच के बाद हुआ एक्शन 

मामले में अजय प्रताप ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क करके पूरी बात बताई। मामले को गंभीरता से लेते हुए अयोध्या एंटी करप्शन टीम प्रभारी ने मामले की गोपनीय जांच कराई। जिसमें शिकायतकर्ता अजय के सभी आरोप सही पाए गए। जिसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जाल बिछा कर दरोगा को गिरफ्तार कर लिया। 


थाना के भीतर हुई गिरफ्तारी 

एंटी करप्शन टीम शिकायतकर्ता अजय के साथ करौंदी कला थाना में पहुंची। जहां, शिकायतकर्ता अजय ने उप निरीक्षक शैलेंद्र प्रताप सिंह को टीम के द्वारा सुझाए गया दस हजार रुपए दिया, तुरंत ही थाने में फरियादी बनकर मौजूद टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया।


बोले इंस्पेक्टर 

मामले में जानकारी देते हुए एंटी करप्शन टीम प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। आरोपी उप निरीक्षक को रंगे हाथों गिरफ्तार कर मोतिगरपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

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