अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के एमएलके पीजी कालेज में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
31 अक्टूबर को प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय के निर्देशानुसार, राष्ट्रीय सेवा योजना के सरोजनी नायडू इकाई, कल्पना चावला इकाई तथा डाॅ कलाम इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ रमेश कुमार शुक्ल, डाॅ अनामिका सिंह व डाॅ जितेन्द्र भट्ट के संयोजकत्व मे राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय सभागार मे किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंगलाचरण तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया । वैदिक मंगलाचरण तथा सरस्वती वंदना मानसी, स्नेहा व नीति द्वारा प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो जनार्दन प्रसाद पाण्डेय थे । विशिष्ट अतिथि मुख्य नियंता प्रो वीणा सिंह तथा सांस्कृतिक निदेशिका प्रो रेखा विश्वकर्मा थी । कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंगलाचरण , सरस्वती वंदना तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन से हुआ । एनएसएस कार्यक्रमाधिकारी डाॅ रमेश शुक्ल, डाॅ अनामिका सिंह तथा डाॅ जितेन्द्र भट्ट के नेतृत्व मे एक एकता रैली ( रन फार यूनीटी) निकाली गई । रैली में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक तथा स्वयंसेविकाओं सहित सैकड़ो छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया । डाॅ रमेश कुमार शुक्ल ने छात्र छात्राओं को राष्ट्रीय एकता दिवस के महत्व के विषय मे संक्षेप मे जानकारी दी । डाॅ शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्येश्य लोगो को देश की एकता, अखण्डता और सुरक्षा के महत्व को याद दिलाना है । उन्होने कहा कि इस साल यह दिवस एक भारत, श्रेष्ठ भारत, आत्म निर्भर भारत की थीम पर मनाया जा रहा है जो देश के सक्षम और आत्मनिर्भर बनने के उद्येश्य को दर्शाता है । डाॅ शुक्ल ने राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के पारित होने मे सरदार वल्लभ भाई पटेल का अमूल्य योगदान विषय पर संक्षेप मे स्वयंसेवक तथा स्वयं सेविकाओं को जानकारी दी । मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो पाण्डेय ने अपने सम्बोधन मे कहा कि आजादी के समय भारत 562 रियासतों मे बंटा था । ऐसे समय मे लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति तथा राजनीतिक कुशलता और नेतृत्व से इन रियासतों का भारत मे विलय कराया ।प्राचार्य ने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों के कारण ही हैदराबाद, जूनागढ और कश्मीर जैसी रियासतों का भारत मे विलय संभव हो सका । प्राचार्य ने छात्र छात्राओं तथा स्वयंसेवक व स्वयं सेविकाओं से कहा कि वे राष्ट्रीय एकता दिवस के महत्व को समझे तथा इस सम्बंध मे जागरूकता का प्रचार करें । मुख्य नियंता प्रो वीणा सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस केवल एक उत्सव नहीं, वल्कि राष्ट्र की एकता और संकल्प का प्रतीक है । यह दिन हमे याद दिलाता है कि हम सभी अपने देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने मे अपना योगदान दें । प्रो वीणा ने 1928 मे गुजरात मे उपनिवेश काल मे सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व मे बरदोली मे किसानो के द्वारा लगान मे वृद्धि के विरुद्ध चलाए गए अहिंसक सत्याग्रह आंदोलन की जानकारी संक्षेप मे छात्र छात्राओ को दी । डाॅ अनामिका सिंह तथा डाॅ जितेन्द्र भट्ट ने छात्र छात्राओं तथा स्वयंसेवक व स्वयं सेविकाओं को एक भारत श्रेष्ठ भारत के विषय मे संक्षेप मे जानकारी दी । साथ ही उन्होने sardar@150 तथा My Bharat Portal के विषय मे संक्षेप मे जानकारी दी । कार्यक्रम मे निबंध प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, काव्य पाठ का भी आयोजन किया गया । इस अवसर पर डाॅ ए के दीक्षित, डाॅ आशीष कुमार लाल, डाॅ अभय नाथ ठाकुर, डाॅ अनुज सिंह, डाॅ दिनेश तिवारी, डाॅ बी एल गुप्ता, सिद्धार्थ मोहंता, डाॅ विनीत कुमार, शिवम सिंह व आर्या तिवारी उपस्थित थे । छात्र छात्राओं मे अनिमेष, धरमेश, विजय व शिवम सहित सैकड़ो छात्र छात्राएं उपस्थित थे । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया ।
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