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प्रतापगढ़: स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है नेताजी का नाम:त्रिपाठी

नेता सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित संगोष्ठी

वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़। आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेता सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन कोरोना प्रोटोकॉल  का पालन करते हुए नगर क्षेत्र के चिलबिला स्थित दिलराज निकेतन पर वारिष्ठ पत्रकार अखिल नारायण सिंह की अध्यक्षता एवं कवि सुरेश नारायण दुबे व्योम के संचालन में संपन्न हुआ। 



कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में इंटर कॉलेज कोहडौर के प्रबंधक जितेन्द्र मणि त्रिपाठी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ नेताजी के चित्र के समक्ष पुष्प व दीप प्रज्वलित कर किया गया। 


इसके उपरांत सुरेश नारायण दुबे द्वारा सरस्वती वंदना का पाठ किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि रूप में उपस्थित पंडित जितेंद्र त्रिपाठी ने नेताजी के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें विश्व का अप्रतिम महामनाव बताया। 



उन्होने कहा कि हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। आज पूरा देश उनके जन्मदिन को "पराक्रम दिवस" के रूप में मना रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अखिल नारायण सिंह ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई के लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया।


 "तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का उद्घोष संपूर्ण भारत वर्ष में जन जन के मन में घर कर गया।


कवि गंगा पांडेय भावुक ने अपने रचनाओं के माध्यम से नेताजी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित किया। 


कार्यक्रम के मौके पर प्रमुख रुप से राहुल सिंह, डॉक्टर प्रतीक सिंह, सौरभ कुमार,डा. चंद्रेश बहादुर सिंह, पूजा सिंह, रिंकू, जितेंद्र सहित आदि मौजूद रहे और अपने अपने विचार व्यक्त किए।अंत में आए हुए अतिथियों का स्वागत अवकाश प्राप्त जिला होम्योपैथी  चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरिकेश बहादुर सिंह करते हुए कहा कि नेता सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया "जय हिंद" का उद्घोष आज भी हमारे देश के नौजवानों, देशभक्तों और सेनानियों का उद्घोष बना हुआ है।

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