शिकायत पर हुई जांच, लेकिन कार्रवाई से कतरा रहा प्रशासन
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी को अगर गोण्डा का आजम खां कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी! अभी हाल ही में भूमाफिया घोषित किए गए सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खां के नक्शेकदम पर उनके शागिर्द आरिफ हाशमी भी चल रहे हैं।
आरोप है कि सत्ता के दौरान उन्होंने अपने रसूख के बल पर सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर महाविद्यालय खड़ा कर दिया। सरकार जाने के बाद योगी-राज में मामले की शिकायत हुई तो डीएम ने जांच का आदेश दे दिया। तहसीलदार ने अपनी आख्या जिलाधिकारी को दे दी, जिसके बाद भी अब तक सपा के पूर्व विधायक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकी।
रामपुर के सांसद आजम खान द्वारा जौहर विश्वविद्यालय में जमीनों की हेराफेरी का मामला तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए। जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि आजम खां ने सत्ता के रसूख के बल पर तमाम सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर जौहर अली यूनिवर्सिटी खड़ा करा दिया है। योगी सरकार का इशारा मिलते ही आजम खां भूमाफिया घोषित कर दिए गए।
ऐसा ही एक मामला उतरौला के पूर्व विधायक व आजम खां के बेहद करीबी माने जाने वाले आरिफ अनवर हाशमी का सामने आया है। सपा सरकार में विधायक रहे आरिफ के किसान महाविद्यालय महुआ पाकड़ तहसील मनकापुर जनपद गोण्डा के नाम गाटा संख्या 96 मि. बंजर भूमि बिना किसी आदेश के खतौनी में विद्यालय के नाम दर्ज करा लिया गया और तमाम जमीन अनियमित तरीके से पट्टा कर दी गई। सरकार बदली तो गांव के मोहम्मद राशिद गयासुद्दीन ने शासन व जिलाधिकारी गोण्डा से साक्ष्यों तथा अभिलेखों के साथ लिखित शिकायत की।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया गया लेकिन तहसीलदार मनकापुर की जांच आख्या 25.5.2018 पूर्व विधायक के रसूख के चलते ठंडे बस्ते में डाल दी गई। यही नहीं जिले के कई माननीयों ने भी सरकारी जमीन के दुरूपयोग पर कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी गोण्डा व एसडीएम मनकापुर को कहा। इसके बाद भी आज तक आरिफ अनवर हाशमी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
सत्तापक्ष के माननीयों पर भी पूर्व विधायक भारी पड़ रहे हैं। रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय की तरह गोंडा में सरकारी जमीनों की हेराफेरी करके चल रहे किसान महाविद्यालय महुआ पाकड़ की जांच कराकर दोषी प्रबंधन व तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए।
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